नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने एक नर्स एवं उसके पति को बलात्कार पीड़ित एक किशोरी की एक साल की बच्ची को गोद लेने की इजाजत दे दी है.अदालत ने इस बच्ची की देखभाल करने वाली नर्स को उनकी कानूनी मां घोषित किया तथा इस आधार पर गोद लेने की इजादत दी कि वह और उसके पति शादी के सात साल बाद भी संतान का सुख नहीं पा सके. दंपति की याचिका पर अदालत ने कहा कि बच्ची को उसकी 14 वर्षीय मां तथा नाना-नानी ने छोड़ दिया था तथा उसका खयाल यह दंपति रख रहा है.
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश आलोक अग्रवाल ने कहा, ‘‘मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि बच्ची को अभिवावक की जरुरत है और याचिकाकर्ता (दंपति) उसका अभिभावक बनने के लिए सबसे उपयुक्त है क्योंकि वे पिछले एक साल से उसकी देखभाल कर रहे हैं.’’ यह नर्स उसी अस्पताल में काम करती है जहां बच्ची पैदा हुई थी. नर्स का पति एक मंत्रलय में काम करता है. दोनों हिंदू दत्तक-ग्रहण एवं रखरखाव कानून के तहत बच्ची को गोद लेने की अनुमति पाने के लिए अदालत पहुंचे थे.
यह बच्ची पिछले साल अगस्त में पैदा हुई थी. बच्ची की मां के साथ बलात्कार हुआ था. दंपत्ति का कहना था कि बच्ची की मां की उम्र बहुत कम है तथा वह इस बच्ची की परवरिश नहीं करना चाहती है.