मनीष सिसौदिया : पत्रकार से मंत्री तक का सफर
अरविंद केजरीवाल के विश्वस्त सहयोगी मनीष सिसौदिया 2011 में जन लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे की मुहिम के दौरान सुर्खियों में आये थे.41 वर्षीय सिसौदिया आप की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य भी हैं. उन्हें नई सरकार में शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास, स्थानीय निकाय और भूमि तथा भवन विभाग का प्रभार दिया गया है.
पत्रकारिता से सामाजिक क्षेत्र में आये और फिर नेता बने सिसौदिया ने पटपड़गंज विधानसभा से भाजपा के नकुल भारद्वाज को 11,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया.वह लंबे समय तक जी न्यूज और आकाशवाणी में पत्रकार बतौर सेवाएं दे चुके हैं. बाद में वह पत्रकारिता छोड़कर सूचना के अधिकार आंदोलन से जुड़ गये.
जन लोकपाल आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में रहे मनीष विधेयक का पहला खाका तैयार करने वाली टीम के सदस्य थे. जब आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया तो वह भी जेल गये थे.
मनीष सिसौदिया ने केंद्र सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की मांगें लेकर अपने सहयोगियों के साथ 10 दिन का अनशन भी किया था.
वकील और सामाजिक कार्यकता हैं सोमनाथ भारती
आईआईटी डिग्री के साथ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता सोमनाथ भारती ने दक्षिणी दिल्ली में मालवीय नगर की महत्वपूर्ण सीट पर दिल्ली की पूर्व कद्दावर नेता एवं तीन बार की विधायक किरण वालिया को हराकर कांग्रेस के किले में बड़ी सेंध लगायी थी.
नवनिर्मित आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने जिन कद्दावर प्रतिद्वंद्वियों को चुनावी मात दी उनमें भारती भी शामिल हैं. 39 वर्षीय भारती सहित छह विधायकों को आज अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शपथ दिलायी गयी.
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा मेंकांग्रेसके15 साल के शासन को समाप्त कर आप ने शानदार प्रदर्शन किया. केजरीवाल ने तीन बार से मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को 25 हजार के भारी अंतर से हराया था.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद बाद भारती ने बाद में कानून की डिग्री ली और कानून क्षेत्र को ही अपना पेशा बनाया. वकील के रुप में उन्होंने सामाजिक मुद्दों से जुड़े कई मुकदमे लड़े.
आप की वेबसाइट के अनुसार दिल्ली सामूहिक बलात्कार के बाद दिल्ली पुलिस ने करीब आठ निर्दोष लड़कों को फंसाने का प्रयास किया, लेकिन भारती उनकी ओर से लड़े और उन्हें न्याय दिलवाया.
सबसे युवा मंत्री हैं राखी बिड़ला
जिस उम्र में अधिकतर युवा अपने कॅरियर की जद्दोजहद में लगे रहते हैं, उसमें 26 साल की राखी बिड़ला न केवल अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल की सबसे युवा मंत्री बनी हैं बल्कि इस कैबिनेट की इकलौती महिला सदस्य भी हैं.
हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में मंगोलपुरी सीट से शीला दीक्षित सरकार के कद्दावर मंत्री और चार बार के विधायक राजकुमार चौहान को शिकस्त देकर राखी सुर्खियों में आयीं.आप में शामिल होने से पहले वह एक निजी समाचार चैनल में काम कर चुकी हैं. वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखने वाली राखी इस वर्ग के लिए सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम भी करती रही हैं.
राखी के पिता भूपेंद्र कुमार बिड़लान लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे लेकिन जन लोकपाल के लिए चले आंदोलन के दौरान उन्होंने 2011 में पार्टी छोड़ दी.
राखी का उपनाम भारत के एक प्रमुख कारोबारी परिवार बिड़ला की याद दिलाता है जो दरअसल गलती से राखी के नाम के साथ जुड़ गया. कक्षा दसवीं का प्रमाणपत्र तैयार करते समय राखी के अध्यापक ने गलती से उनके वास्तविक उपनाम बिड़लान की जगह बिड़ला लिख दिया.
उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 51,150 रपये की संपत्ति की घोषणा की है. उनका परिवार पिछली चार पीढि़यों से समाजसेवा से जुड़ा रहा. उनके परदादा और फिर उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े थे.
सामान्य सी पृष्ठभूमि से आने वाली राखी ने हमेशा बड़े सपने देखे. दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने जनसंचार में मास्टर की डिग्री प्राप्त की और एक स्थानीय चैनल में संवाददाता बतौर काम करने लगीं.बतौर पत्रकार ही उन्होंने जन लोकपाल की मुहिम को कवर किया और इंडिया अगेंस्ट करप्शन तथा अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आयीं.
सत्येंद्र कुमार जैन: आर्किटेक्ट से बने मंत्री
पेशे से वास्तुकार सत्येंद्र कुमार जैन ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से अपनी नौकरी छोड़ दी और राजनीति के मैदान में कूद गए.
शकूरपुर बस्ती से विधायक 49 वर्षीय जैन ने भाजपा के श्याम लाल गर्ग को 7 हजार 62 मतों के अंतर से हराया था.
जैन को केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य और उद्योग विभाग आवंटित किया गया है.जैन ने अन्ना हजारे के जन लोकपाल आंदोलन में सक्रिय रुप से हिस्सा लिया था, जहां वह केजरीवाल के संपर्क में आये.जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता जैन ने चित्रकूट स्थित सामाजिक संगठन दृष्टि की संगठन की इमारत का निर्माण कर मदद की. वह संगठन दृष्टि बाधित लड़कियों के लिए काम करता है.
वह स्पर्श नाम के सामाजिक संगठन से भी जुड़े रहे. वह मानसिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए काम करता है. उन्होंने गरीब लड़कियों के लिए सामूहिक विवाह का भी आयोजन किया.
उत्तर प्रदेश के बागपत के निवासी जैन यहां सरस्वती विहार में संयुक्त परिवार में रहते हैं. उनके दिन की शुरुआत सुबह साढ़े छह बजे लोगों से मिलने और उनकी समस्याएं सुनने से शुरु होती है.
70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में शानदार पदार्पण करते हुए आम आदमी पार्टी ने 15 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को धूल चटा दी और 28 सीटें झटक कर विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी. पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया.
केजरीवाल के साथ जिन मंत्रियों ने शपथ ली उसमें मनीष सिसोदिया, राखी बिड़ला, सौरभ भारद्वाज, गिरीष सोनी और सोमनाथ भारती शामिल हैं.
सौरभ भारद्वाज : इंजीनियर से मंत्री तक का सफर
पेशे से इंजीनियर सौरभ भारद्वाज ने ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा के पुत्र को हराकर बड़ा उलटफेर किया और अब दिल्ली की नयी सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री का पद पाया है.
एक गरीब लड़की से बलात्कार की घटना ने भारद्वाज को झकझोर दिया था और उन्होंने लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ने का फैसला किया था. इस दौरान उन्होंने यह भी महसूस किया कि इन मामलों में न्याय दिलाने के लिए कानून की जानकारी होना जरूरी है.
आप पार्टी की वेबसाइट में कहा गया है, भारद्वाज एक निजी फर्म में काम कर रहे थे जब 2005 में एक गरीब लड़की से बलात्कार की घटना हुई थी. उन्होंने कानून की पढ़ाई की और हरसंभव कानूनी सहायता देकर गरीबों की मदद करते हैं.वेबसाइट में कहा गया है कि वह लगातार दृष्टिहीनों, गरीब छात्रों, बाढ़ प्रभावितों और वृद्धों के लिए अपनी आवाज उठाते हैं.
ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र में ग्रेटर कैलाश और सी आर पार्क में उच्च आय वर्ग के लोग रहते हैं जबकि चिराग दिल्ली में कम और मध्यम आय वर्ग के लोग रहते हैं.आप की रणनीति ने उसके पक्ष में काम किया और विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार की तुलना में मतदान का प्रतिशत बढ़ा. भारद्वाज ने अजय मल्होत्रा को चुनाव में हराया था.
गिरीश सोनी आप का दलित चेहरा
अरविंद केजरीवाल के युवा कैबिनेट में दो दलित चेहरों में से एक गिरीश सोनी ने धन की कमी के कारण उच्च शिक्षा छोड़ने से लेकर आम आदमी पार्टी के बिजली पानी आंदोलन में निरंतर योगदान और चुनाव लड़कर कैबिनेट मंत्री बनने तक का सफर तय किया है.
सोनी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में मादीपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार कैलाश शंकला को करीब 1100 वोटों से हराया था.
वर्ष 1980 में भारत नौजवान सभा से जुड़े रहे सोनी अपनी सीट में पार्टी के महासचिव भी थे. उन्होंने आप के बिजली पानी आंदोलन में निरंतर योगदान दिया और लोगों को पार्टी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया.
आप नेता ने मादीपुर से ही अपनी शुरुआती पढाई की थी लेकिन वित्तीय समस्याओं के कारण वह आगे की उच्च शिक्षा नहीं ले पाए. इसलिए उन्होंने दिल्ली में आईटीआई पूसा से एयरकंडीशनिंग एवं रेफ्रीजरेशन में डिप्लोमा कोर्स किया.
सोनी ने दिल्ली के नये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ऐतिहासिक रामलीला मैदान में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली.