वेल्लूर (तमिलनाडु) : यहां केंद्रीय जेल में बंद राजीव गांधी हत्याकांड के अभियुक्त श्रीहरण और संथन पूरी तरह आध्यात्मिक हो गए हैं. जेल के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस कांड के सात अभियुक्तों में दो – वी श्रीहरण उर्फ मुरुगन और संथन जेल परिसर में नियमित रुप से मंदिर जाते हैं. वे मंदिरों में देवी अम्मन, गणेश और साइंर्बाबा की प्रार्थना करते हैं.
सूत्रों ने कहा, ‘‘श्रीहरण और संथन पूरी तरह आध्यात्मिक हो गए हैं. दोनों जेल परिसर में प्रार्थना के लिए नियमित रुप से मंदिर जाते हैं, वे विशेष मौकों के नियमों का पालन करते हैं.” सूत्रों ने बताया कि यह बदलाव पिछले कुछ सालों में हुआ और दोनों अभियुक्तों ने ढेर सारा आत्मावलोकन किया. हालांकि इसी मामले में बंद एक अन्य आरोपी अरीवू उर्फ पेरारिवलन नास्तिक है. भगवा रंग की कमीज पहनने वाला श्रीहरण अपनी कोठरी में नियमित रुप से ध्यान करता है और इस तरह उसने अपने आध्यात्मिक जीवन में कुछ उंचाई हासिल की है. वह नलिनी का पति है. नलिनी इस मामले में अन्य अभियुक्त है और वह यहां महिला जेल में बंद है.
सूत्रों ने कहा, ‘‘वह अपने आध्यात्मिक रुझानों की चर्चा भी करता है और अपनी पत्नी नलिनी के साथ आध्यात्म को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश करता है. सामान्यत: उसे महीने में एक या दो बार पत्नी से मिलने दिया जाता है. अन्य अभियुक्त की भांति, श्रीहरण ओर अन्य कैदी जेल में काम भी करते हैं और उन्हें कपड़े की सिलाई जैसे कामों में प्रशिक्षित किया गया है. ” वर्ष 2014 में उच्चतम न्यायालय ने श्रीहरण और संथन की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था जिसे उन्होंने ईश्वर की कृपा माना था. नलिनी को खुद को नवीनतम बातों से रुबरु रखने के लिए पुस्तकें, अखबार और पत्रिकाएं पढने में रुचि है.
तमिलनाडु के मुख्य सचिव के ज्ञानदेसिकन ने इसी माह के प्रांरभ में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि को पत्र लिखा था और उन्हें राजीव गांधी हत्याकांड के इन सातों अभियुक्तों के मृत्युदंड को माफ करने के राज्य सरकार के फैसले से अवगत कराया था.
सात अभियुक्त श्रीहरण उर्फ मुरुगन, टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथन, ए जी पेरारिवलन उर्फ अरीवू, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी हैं तथा उन्होंने इस मामले पर केंद्र का विचार मांगा है. राज्य सरकार के फैसले के पक्ष में द्रमुक समेत कई राजनीतिक दल हैं. इन सातों को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को चेन्नई के समीप श्रीपेरुम्बदुर में एक चुनाव रैली में हत्या कर दी गयी थी.