नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी कि सीबीआई को अदालती निगरानी वाले भ्रष्टाचार के मामलों में वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ अभियोजन में केंद्र सरकार की मंजूरी की कोई जरुरत नहीं है. इसने एजेंसी को मजबूत किया है जिससे वह सरकार से पूर्व मंजूरी लिए बिना अधिकारियों के खिलाफ जांच कर सकती है.
न्यायमूर्ति आर एम लोधा की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने केंद्र की मंजूरी के इंतजार के बगैर कोलगेट में कथित रुप से संलिप्त नौकरशाहों के खिलाफ अभियोजन के लिए सीबीआई का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.