डोना पाउला (गोवा) : वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि मोदी सरकार का हाल इंदिरा की सरकार जैसा हो सकता है. उन्होंने मोदी सरकार को आडे हाथ लेते हुए कहा कि सरकार में संवाद की कमी दिख रही है और इस सरकार का हाल इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली उस कांग्रेस सरकार की तरह हो सकता है जिसे आपातकाल के बाद मुंह की खानी पडी थी. आपको बता दें कि कल ही पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की आलोचना करते हुए मोदी सरकार को खरी-खोटी सुनाई थी. भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी में हाशिये पर डाल दिए गए हैं.
यशवंत सिन्हा ने ये बातें गोवा मेंआयोजित ‘डिफिकल्ट डायलॉग’ में कही जहां मंच पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी मौजूद थे. सिन्हा ने कहा, ‘‘निश्चित पर कोई संवाद नहीं होने की कोई गुंजाइश नहीं है. यह भारतीय लोकतंत्र की सबसे बडी ताकत है. यहां-वहां भूल तो होंगी ही, चिंता मौजूदा हालात को लेकर है. लेकिन महान भारतीय समाज इसका ख्याल रखेगा और भारत में संवाद में यकीन नहीं रखने वालों को धूल चटा देगा.’ अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके सिन्हा ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘भारत के लोग उन्हें धूल चटा देंगे. आपको बस अगले चुनावों का इंतजार करना है.’ कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देने वाले 1977 के आम चुनावों का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा कि (संवाद की) ऐसी अनदेखी से सरकार ‘‘19 महीने’ ही टिक सकेगी. गौरतलब है कि आपातकाल भी 19 महीने तक लागू रहा था.
सिन्हा ने कहा कि हम सभी को पता है कि भारत के लोगों ने आपातकाल पर कैसी प्रतिक्रिया दी थी जो ‘‘असहमति के स्वर को बनाए रखने के लिए हमारे देश में सबसे ताकतवर लोकतांत्रिक प्रयास था.’ समाज में संवाद रोक न दिया जाए, यह सुनिश्चित करने की जरुरत पर येचुरी के हस्तक्षेप पर सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि अडंगा लगाने वाला गंभीर मुश्किल में है.’ वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि विपक्ष संसद को सुचारु रुप से चलने नहीं दे रहा.
किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कांग्रेस के एक नेता पर निशाना साधा जिन्होंने संसदीय समिति की बैठकों में जीएसटी विधेयक पर कभी कोई चिंता जाहिर नहीं की, लेकिन बाद में ऐतराज जताने लगे. सिन्हा ने कहा कि वाजपेयी सरकार में (विपक्ष के साथ) संवाद की मदद से कई अहम विधेयक पारित कराए गए थे. यशवंत सिन्हा ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब एक अन्य भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेता ‘‘उससे कहीं ज्यादा पाने के योग्य हैं जो उन्हें दिया गया है.’ शत्रुघ्न ने पुणे में कहा, ‘‘अभी मैं और ये सभी नेता दमन और सम्मान के बीच फंसे हुए हैं.’