पणजी : गोवा पुलिस ने आज तहलका के संपादक तरुण तेजपाल को सम्मन जारी किया जिन पर अपनी कनिष्ठ सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का आरोप है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए तेजपाल को सम्मन जारी किया गया है. उन्होंने हालांकि, यह बताने से इनकार किया कि क्या आरोपी को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कोई तारीख या समय दिया गया है.
दिल्ली हाइकोर्ट ने तहलका संपादक तरुण तेजपाल को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने से मंगलवार को इनकार कर दिया. इससे तेजपाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. न्यायाधीश सुनीता गुप्ता ने गोवा पुलिस के वकील को अपना जवाब दाखिल करने (यदि कोई है तो) को भी कहा. तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई निर्धारित किया गया है.
गोवा पुलिस की अपराध शाखा महिला पत्रकार की शिकायत पर तेजपाल के खिलाफ जांच कर रही है. पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि पीड़िता को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा.अधिकारी ने कहा, वह (शिकायतकर्ता) पुलिस से पूरा सहयोग कर रही है और मामले के लिए उसका बयान काफी महत्वपूर्ण है. जांच अधिकारी सुनीता सावंत पहले ही पीड़िता से मुंबई में मिल चुकी हैं और कल उन्होंने उसका बयान दर्ज किया.
गोवा पुलिस ने घटना के सिलसिले में 22 नवंबर को तेजपाल के खिलाफ भादंसं की धाराओं-376 (बलात्कार), 376 (2) (के) (किसी व्यक्ति द्वारा अपने आधिकारिक पद का फायदा उठकार अपने संरक्षण में किसी महिला से बलात्कार किया जाना) और 354 (शील भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने कल तेजपाल के खिलाफ अलर्ट जारी किया था, ताकि वह देश छोड़कर न भाग सकें.
महिला पत्रकार की मां ने तेजपाल के परिजन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया
उधर, दिल्ली पुलिस ने भी तेजपाल को ट्रांजिट जमानत प्रदान करने की अपील का विरोध किया है. तेजपाल का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी और गीता लूथरा ने कहा कि तहलका संपादक को बुधवार तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की जाये. इस पर न्यायाधीश गुप्ता ने कहा, मेरे पास याचिका के साथ प्राथमिकी की प्रति तक नहीं है. उन्हें अपना जवाब दाखिल करने दीजिये, उसके बाद मैं देखूंगी. तुलसी ने कहा, यह एक राजनीतिक लड़ाई बन चुकी है. यह मामला किसी महिला की गरिमा को आहत करने का है और इसे रेप का मामला बना दिया गया है.
गोवा महिला आयोग ने की तेजपाल और शोमा की गिरफ्तारी की मांग
पुलिस ने समय मांगा
सुनवाई शुरू होने पर गोवा पुलिस के वकील ने तरुण की याचिका पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा.
क्या कहा है याचिका में
तेजपाल ने हाइकोर्ट में अंतरिम जमानत की अपील करते हुए कहा कि दो घटनाओं में से एक ‘केवल हल्का फुल्का हंसी-मजाक’ था. ‘होटल हयात के सीसीटीवी फुटेज से आसानी से यह बताया जा सकता है कि वह मुलाकात कैसी थी, लेकिन इसकी गोवा पुलिस ने अनदेखी की.
आठ नवंबर, 2013 को दोनों लोगों के बीच एक और मुलाकात हुई, लेकिन यह भी केवल कुछ सेकेंड की थी और इसमें ऐसी कोई घटना नहीं हुई जो किसी संज्ञेय अपराध का कारण बनती हो. तेजपाल ने कहा कि उसकी महिला सहकर्मी पार्टी करती रही व गोवा में रहने के दौरान वह पूरी तरह सामान्य और मित्रवत थी. वह पूरे सम्मेलन में हर पार्टी और हर सामाजिक समारोह में थी और देर रात तक रुकी रहीं. पीड़िता की शिकायत को ‘प्रेरित, झूठी और सोचा-समझी’ बताते हुए याचिका में कहा गया है कि यह शिकायत दस दिन बाद दाखिल की गयी. याचिका में आरोपों का भी खंडन किया गया है.
पीड़ित पत्रकार का बयान दर्ज
गोवा पुलिस की अधिकारी ने बताया कि मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का बयान दर्ज कराने के लिए उसे गोवा लाया जायेगा. फोन पर भी महिला पत्रकार ने बहुत सारी ऐसी चीजों की चर्चा की जिसका उल्लेख ई-मेल में भी नहीं है. यह तरुण तेजपाल के खिलाफ जा सकता है.
सीनियर एडिटर राणा का भी इस्तीफा
घटना के बाद से तहलका में कार्यरत पत्रकारों का अपने संस्थान से मोह भंग होने लगा है. तहलका के सीनियर एडिटर राणा अयूब ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब तक पांच पत्रकार पत्रिका से इस्तीफा दे चुके हैं.
तरुण तेजपाल के खिलाफ आव्रजन जांच अलर्ट जारी
पणजीः गोवा पुलिस ने सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ ‘आव्रजन जांच अलर्ट’ जारी किया है, जो जाहिर तौर पर तेजपाल को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी किया गया है. पीड़ित पत्रकार ने मंगलवार को मुंबई में मामले की जांच कर रही राज्य अपराध शाखा की टीम के सामने गवाही दी, जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया.
‘‘पीड़िता ने तेजपाल के खिलाफ मामला दायर करने में विलंब किया क्योंकि ‘वह एक हाई प्रोफाइल व्यक्ति’ हैं.
सुनीता सावंत
प्रमुख, गोवा पुलिस जांच दल
‘‘सभी बंदरगाहों को एहतियाती कदम के तौर पर आव्रजन जांच अलर्ट जारी किया गया है, ताकि इस मामले में आरोपी देश नहीं छोड़े, अलर्ट इस तरह की परिस्थिति से बचने के लिए जारी किया जाता है, जिसमें आरोपी देश छोड़ने की कोशिश कर सकता है.
ओपी मिश्र, डीआइजी, गोवा
तेजपाल और शोमा चौधरी की गिरफ्तारी की मांग
‘‘हम गोवा पुलिस से होटल की लिफ्ट में महिला का यौन उत्पीड़न करने वाले तेजपाल की गिरफ्तारी की मांग करते हैं. चौधरी इस अपराध के बारे में काफी पहले से जानती थी. पुलिस को सूचित करना उसकी जिम्मेदारी थी. उसने तेजपाल को बचाने के लिए सब कुछ छिपाने की कोशिश की. एक महिला होने के नाते, उनका ऐसा करना गलत था. चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें इस अपराध के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
विद्या सेठ तानावडे, प्रमुख, राज्य महिला आयोग गोवा
मुझे धमकाया जा रहा है लांछन लगाये जा रहे हैं
तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को भेजे इस्तीफे में पीड़िता ने कहा है कि इस घटना में सिर्फ तेजपाल ही एक कर्मी के रूप में नाकाम नहीं हुए, बल्कि तहलका ने महिलाओं, कर्मियों व पत्रकारों को भी निराश किया. पढ़ें, क्या लिखा है पीड़िता ने इस्तीफे में:
मिस चौधरी,
मैं तत्काल प्रभाव से तहलका मैगजीन में (..) के पद से इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि तहलका के एडिटर-इन-चीफ तरु ण तेजपाल ने इस साल नवंबर में दो मौकों पर मेरा यौन शोषण किया. मुङो गहरा सदमा पहुंचा है कि संस्थान ने मेरी उतनी मदद नहीं की, जितनी करनी चाहिए थी. ऐसे हालात में मेरे लिए संस्था में काम करना असंभव है. अपनी बात के समर्थन में मैं कुछ तथ्य रखना चाहती हूं..
1. नवंबर 2013 की 7 और 8 तारीख को तरु ण तेजपाल ने गोवा में ‘थिंक फेस्टिवल’ के दौरान मेरा यौन शोषण किया. उनके द्वारा किये गये यौन र्दुव्यवहार के बारे में मैंने आपसे जो शिकायत की थी, उसके बाद उन्होंने माना कि वाकई ऐसा हुआ था और बिना शर्त माफी भी मांगी.
2. मैंने गुजारिश की थी कि मिस्टर तेजपाल कम से कम तहलका के स्टाफ और ब्यूरो के सामने खुलेआम माफी मांगें. मैं नहीं चाहती थी कि गलती मानते वक्त विस्तार से घटना लिखने के बजाय माफीनामे में यौन र्दुव्यहार का जिक्र हो. आपने फोन पर बातचीत में कहा कि तेजपाल ने माफीनामे में इसका जिक्र इसलिए नहीं किया, क्योंकि उन्होंने इसमें ‘सेक्सुअल मॉलेस्टेशन’ का जिक्र किया है. आपने कहा था कि ऐसा करने का कारण संस्थान को भी बचाना है. इस बातचीत के दौरान मैंने कहा था, मुझे पूरा विश्वास है कि आप जो करेंगी, सही करेंगी.
3. तहलका ब्यूरो को सार्वजनिक रूप से भेजी गयी स्वीकारोक्ति में मिस्टर तेजपाल व आपने उनकी हरकत को एक अप्रिय घटना बताया है. यह संस्थान को बचाने की कोशिश नहीं, बल्कि असल घटना पर परदा डालने की कोशिश थी. यह जानते हुए भी सच छिपाने की कोशिश थी कि मेरी अनिच्छा के बावजूद दो मौकों पर मेरे साथ अवैध यौन संबंध (उनकी ई-मेल के मुताबिक) बनाने की कोशिश की गयी थी. यही नहीं, साथियों से बात करते हुए आपने स्वीकार किया था विशाखा गाइडलाइंस के मुताबिक एंटी-सेक्शुअल हैरेसमेंट सेल बनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपको मेरे द्वारा लगाये गये आरोपों पर पूरा यकीन था.
4. नेशनल चैनल्स में शुरू में आप यह जताती हुई दिखीं कि मैं तहलका के कदमों से संतुष्ट हूं. यह तब किया गया जब मिस्टर तेजपाल ने मुङो और आपको भेजी प्राइवेट ई-मेल्स में माफी मांगी. उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने सेक्शुअल र्दुव्यवहार के लिए माफी नहीं मांगी थी और न ही आपने विशाखा गाइडलाइंस के हिसाब से एंटी-सेक्शुअल हैरेसमेंट सेल बनाया था. इस तरह से मैं कहां संतुष्ट हो सकती थी. यही नहीं, मैंने तेजपाल के दोनों ई-मेल पर जवाब भेजा था (इस जवाब में मैंने आपको और उन 3 कलीग्स को मेल किया था, जिनपर मुङो भरोसा है). अपने जवाब में मैंने लिखा था कि
-तेजपाल के व्यवहार को सिर्फ ‘अवैध यौन संबंध’ नहीं कहा जा सकता. वह यौन दुर्व्यवहार तो भरोसे को तोड़नीवाली घटना थी. एक ऐसी कोशिश जो मेरे विरोध के बावजूद की गयी थी (इसे वह स्वीकार कर चुके हैं).
-बिना सहमति के किया गया कोई भी सेक्शुअल ऐक्ट किसी भी तरह से जस्टीफाई नहीं किया जा सकता.
-घटना के दौरान तेजपाल ने मुङो अपने पद की धौंस दी थी, उसका जिक्र उन्होंने अपने ई-मेल में नहीं किया था.
-आपने इन ई-मेल्स पर मेरी नाराजगी को नजरंदाज कर सार्वजनिक रूप से कहती रहीं कि मैं संतुष्ट हूं.
5. अब आप यह जताने की कोशिश कर रही हैं कि उस घटना को लेकर मिस्टर तेजपाल के पास बताने के लिए दूसरी कहानी मौजूद है (ऐसा हर यौन अपराधी करता है). यह जताने की कोशिश की जा रही है कि हो सकता है, उस घटना में मेरी भी सहमति रही हो. इस दौरान, 22 नवंबर की रात को मि. तेजपाल का कोई फैमिली मेंबर मेरी मां के घर जाकर मेरे वकील के बारे में जानकारी लेने लगा. साथ ही वह जानना चाहता था कि मैं तेजपाल पर आरोप लगा कर क्या हासिल करना चाहती हूं.
6. पिछले सालों में हमने महिलाओं के हकों की रक्षा की है. रेप, यौन शोषण व ऑफिसों में छेड़छाड़ पर लिखा है. अब, जब मैं खुद इस तरह के क्राइम में विक्टिम हूं, यह देख कर बुरी तरह से टूट गयी हूं कि एडिटर-इन-चीफ और आप अब डराने, चरित्र खराब करने और लांछन लगाने का रास्ता अपना रहे हैं.
7. नंवबर के बाद हुई घटनाओं को देखें, तो अकेले मि. तेजपाल नहीं हैं जो एक एम्प्लॉयर के तौर पर नाकाम हुए हैं. तहलका ने भी महिलाओं, कर्मियों, पत्रकारों और महिलावादियों को भी नाकाम कर दिया है.
प्लीज, तत्काल प्रभाव से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें.
(पीड़ित पत्रकार का तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को लिखे गये इस्तीफे के अंगरेजी पत्र का हिंदी अनुवाद)