भोपाल: भोपाल की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति स्व. डा.शंकर दयाल शर्मा के भाई को धोखाधडी के आरोप में तीन साल के कारवास और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.अभियोजन के अनुसार भोपाल के गुलिया दाई मोहला निवासी डा.शंभूदयाल शर्मा सतपुडा भवन में जिला कुष्ठ अधिकारी के तौर पर पदस्थ थे. 26 जून 95 को उन्होंने एक आवेदन पर रामसनेही नामक व्यक्ति को एनएनएम पद के इंटरव्यू के लिये बुलाया था परंतु इंटरव्यू के बाद उन्होंने रामसनेही को बताया कि चूंकि वह हायर सेकेंडरी पास नहीं है इसलिये उसे इस पद पर नहीं रखा जा सकता है लेकिन उसे भृत्य के पद पर रखा जा सकता है.
रामसनेही की सहमति के बाद उन्होंने एक जुलाई 95 से उसे भृत्य के पद पर रखते हुए उसे अपने घर पर तैनात कर लिया और उसे वे पांच सौ रुपये महीना वेतन देते थे. रामसनेही को बाद में विभाग से पता चला कि उसे दो हजार रुपये वेतन पर रखा गया है लेकिन उसे मात्र पांच सौ रुपये ही दिये जा रहे हैं.
इस बात की जानकारी मिलने के बाद रामसनेही ने नौकरी छोड दी असैर विभागीय अधिकारियों एवं जिला कलेक्टर को आवेदन देकर डा.शर्मा के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की.