नयी दिल्ली : सेना के पूर्व प्रमुख वी के सिंह ने अपनी आयु संबंधी विवाद के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कुछ टिप्पणियां करने को लेकर आज बिना शर्त माफी’ मांगते हुए कहा कि उनका इरादा संस्था या न्यायाधीशों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना नहीं था. सिंह ने कहा कि वह न्यायपालिका विशेषकर उच्चतम न्यायालय का अत्यधिक सम्मान करते हैं.
सिंह ने अवमानना नोटिस के अपने जवाब में कहा, मैं न्यायपालिका विशेषकर इस माननीय अदालत का बहुत सम्मान करता हूं. कुछ मामलों में यदा कदा आलोचना के बावजूद मेरा यह दृढ विश्वास है कि न्यायाधीश हमारे सार्वजनिक जीवन के अन्य विभागों की तुलना में ईश्वरतुल्य हैं. सिंह ने वकील प्रभजीत जौहर के जरिए दायर जवाब में कहा, मेरी वापस ली गई याचिका की सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों के निर्णयों की मंशाओं को गलत ठहराने की बात मेरे दिमाग में कहीं नहीं थी. मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं और मेरे शब्दों की गलत रिपोर्टिंग के कारण यदि अनजाने में यह लगा है कि मैंने कुछ आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं तो मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं.
उन्होंने कहा, मैं स्वीकार करता हूं कि ऐसा संभव है कि 20 मिनट लंबे साक्षात्कार के दौरान मैंने कुछ अनुचित अस्पष्ट बात कही हो. हालांकि ऐसा संभव नहीं है. उच्चतम न्यायालय ने एक अक्तूबर को सिंह के खिलाफ नोटिस जारी किया था. न्यायालय ने सिंह की आयु संबंधी विवाद पर आदेश के खिलाफ 22 सितंबर को छपी उनकी टिप्पणियों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए यह नोटिस दिया था.
42 वर्षों तक सेना की सेवा करने वाले 63 वर्षीय सिंह ने कहा कि उनके वकील ने तकनीकी परेशानी के कारण 10 फरवरी 2012 को उनकी याचिका वापस ले ली थी. सिंह ने कहा कि उनके पास निर्णय को लेकर शिकायत करने के लिए कभी कोई कारण नहीं था.
सिंह ने कहा, मैंने याचिका वापिस लेने से पहले मेरे वकील की सलाह पर काम किया था. यदि मैं नाराज होता तो निर्णय के बारे में शिकायत करने के लिए मैंने एक साल और सात महीनों का इंतजार नहीं किया होता. उन्होंने कहा, याचिका वापस लेने के बाद प्रेस ने मुझे परेशान किया और 19 महीनों तक मैंने कोई आरोप लगाने के बारे में कभी नहीं सोचा. इससे यह साबित हो जाना चाहिए कि मैं ईमानदारी से माफी मांग रहा हूं.
सिंह ने कहा कि उनके साक्षात्कार के हिंदी संस्करण का जिक्र किया गया होगा जिसमें पत्रकार ने उन्हें कहा था कि उनकी उम्र को लेकर विवाद की शुरुआत के साथ लंबे समय से उनके खिलाफ लगातार कटु माहौल है. पत्रकार ने उस समय निर्णय के बारे में कोई प्रश्न नहीं पूछा था. उसने केवल उनसे इतने विवाद जुड़े होने के कारण के बारे में पूछा था.