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छत्तीसगढ़ में विकास का भाजपा का दावा खोखला : कांग्रेस

रायपुर : नक्सली समस्या का सामना कर रहे छत्तीसगढ़ राज्य में बीते दो चुनावों से लगातार बाजी मार रही भाजपा विकास के दावे कर एक बार फिर जीत के लिए कमर कस रही है वहीं कांग्रेस उसके इस दावे को खोखला बताती है. राज्य में चुनाव प्रचार चरम पर है और सत्ता हासिल करने के […]

रायपुर : नक्सली समस्या का सामना कर रहे छत्तीसगढ़ राज्य में बीते दो चुनावों से लगातार बाजी मार रही भाजपा विकास के दावे कर एक बार फिर जीत के लिए कमर कस रही है वहीं कांग्रेस उसके इस दावे को खोखला बताती है.

राज्य में चुनाव प्रचार चरम पर है और सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस अपने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का दावा है कि पार्टी 90 सदस्यीय विधानसभा में अपने दम पर बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाएगी.

महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है. उनकी परंपरागत सीट मरवाही से उनके पुत्र अमित जोगी को और कोटा विधानसभा सीट से उनकी पत्नी रेणु जोगी को टिकट दिया गया है.

जोगी हालांकि खुद को टिकट न दिए जाने को कोई मुद्दा न बताते हुए कहते हैं ‘‘मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं. मुङो जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे पूरा करुंगा.’’ भाषा से बातचीत में जोगी ने कहा ‘‘राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी. हम अपने दम पर बहुमत हासिल करेंगे. हमारे यहां कोई कलह नहीं है. भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार से लोग परेशान हो गए हैं.’’ कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए पुराने और नए चेहरों को शामिल कर सामंजस्य बिठाने की कोशिश की है.

नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर और राजनांदगांव की 18 सीटों के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा.टिकट पाने वालों में पार्टी के उन तीन वरिष्ठ नेताओंके करीबी रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं जो मई में हुए नक्सली हमले में मारे गये थे.

खरसिया सीट के लिए 19 नवंबर को मतदान होगा. यहां से उमेश पटेल उम्मीदवार हैं जो 23 मई के नक्सली हमले में मारे गए पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के पुत्र हैं. इसी हमले में मारे गए पूर्व विधायक विजय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार राजनांदगांव से उम्मीदवार हैं जबकि दिवंगत नेता महेन्द्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा दंतेवाड़ा सुरक्षित सीट से मैदान में हैं.

यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस सहानुभूति लहर भुनाना चाहती है, जोगी ने कहा ‘‘पार्टी ने ऐसा कभी नहीं किया.’’खरसिया सीट 1962 में अस्तित्व में आई और तब से यहां कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. भाजपा कभी भी यह सीट नहीं जीत पाई. नंद कुमार पटेल इस सीट से लगातार पांच बार विजयी हुए. दिवंगत पटेल के पुराने सहयोगी उमेश का साथ दे रहे हैं.

जीत के लिए आशान्वित उमेश पटेल कहते हैं कि वह अपने पिता के अधूरे कामों को पूरा करेंगे. उन्होंने भाषा से कहा ‘‘मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहता लेकिन राज्य में विकास और समस्याओं का हल करने का दावा कर पीठ थपथपाने वाली भाजपा सरकार की सफलता की असलियत दरभा घाटी में हुए नक्सली हमले से सामने आ जाती है.’’

वर्ष 2000 में जब मध्यप्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ का गठन किया गया था तब अजीत जोगी मुख्यमंत्री बनाए गए थे. राज्य में अब तक हुए दो विधानसभा चुनावों में सत्ता भाजपा को मिली. राज्य में वर्ष 2008 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 50 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस को यहां 38 और बहुजन समाज पार्टी को दो सीटें मिली थीं.

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