एजल : मिजोरम में पिछले कुछ वर्षों से पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक रही है लेकिन राज्य विधानसभा में उनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहा है. 16 अगस्त को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार, राज्य के मतदाताओं की कुल संख्या 6,86,305 है. इनमें से महिला मतदाताओं की संख्या 3,49,506 तथा पुरुष मतदाताओं की संख्या 3,36,799 है.
वर्ष 2008 की अंतिम मतदाता सूची में कुल 6,08,561 मतदाताओं में से महिला मतदाताओं की संख्या 3,08,659 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,99,902 थी. मिजोरम पहले असम राज्य के तहत जिला परिषद था और 1972 में उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. तब से राज्य की अपनी विधानसभा है लेकिन बीते 41 साल में तीन मनोनीत विधायकों सहित केवल 6 महिलाएं ही राज्य विधानसभा में पहुंची हैं.
चुनाव जीतने वाली तीन महिला राजनीतिज्ञों में से पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की ललतनमावी, वर्ष 1979 में तत्कालीन एजल ईस्ट सीट से जीती थीं. इसी पार्टी की के थानसियामी 1984 में एजल वेस्ट सीट से जीती थीं. इससे पहले, के थानसियामी वर्ष 1978 में विधानसभा के लिए मनोनीत की गई थीं. मंत्री बनने वाली पहली और एकमात्र महिला आज की तारीख तक लाल्हीमपुई हमार हैं. वह 1987 में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की उम्मीदवार के तौर पर एजल नॉर्थ-एक सीट से जीती थीं.मिजो मीचे इन्सुइखाम पाल (एमएचआईपी) या मिजो वूमेन्स फेडरेशन की नेता इस बात पर अफसोस जाहिर करती हैं कि मिजो सोसायटी में आज भी पुरुषों को कानून बनाने वाली प्रक्रिया में महिलाओं को अपनी प्रतिनिधि के तौर पर स्वीकार करना मंजूर नहीं है. मिजोरम राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और महिला अधिकारों के लिए सक्रिय लालनीपुई ने कहा कि समाज में, खास कर राजनीति में महिलाओं के आने के बारे में जागरुकता जरुरी है.
उन्होंने कहा ‘‘पुरुष राजनीतिक दलों को न केवल महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाना चाहिए बल्कि जीत की संभावना के आधार पर भी महिला प्रत्याशियों को मौका देना चाहिए.’’जिन महिलाओं के जीतने की संभावना होती है, उनकी राजनीति में दिलचस्पी नहीं होने के बारे में पूछे पर लालनीपुई ने कहा कि राजनीतिक दलों में महिलाएं जिम्मेदार एवं महत्वपूर्ण पदों से इसलिए वंचित हैं क्योंकि वह राजनीति में पूर्णकालिक काम में आने से हिचकिचाती हैं.ऑल मिजोरम वूमेन्स फेडरेशन (एएमडब्ल्यूएफ) की अध्यक्ष लालनेईजोवी ने कहा कि विधायिका और कार्यपालिका में महिलाओं की भागीदारी सामाजिक आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि एएमडब्ल्यूएफ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि राज्य विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो.