नयी दिल्ली/शिमला: आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को संभावित गिरफ्तारी से सुरक्षा और अन्य राहत देने के हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के विरोध में सीबीआई ने आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अपने आग्रह पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया.
प्रधान न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की अगुवाई वाली पीठ सीबीआई की दो याचिकाओं पर दशहरे के अवकाश के बाद अदालत के पुन: खुलने पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई. इस पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा भी शामिल हैं. बहरहाल, पीठ ने कल सुनवाई के लिए इस मामले को सूचीबद्ध करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह इतना अधिक जरुरी नहीं है.
जांच एजेंसी की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पी एस पटवालिया ने कहा कि जाहिर तौर पर उच्च न्यायालय के आदेश ने गिरफ्तारी से सुरक्षा जैसी राहत दे कर जांच की प्रक्रिया रोक दी है और उसकी अनुमति के बिना आरोपी से कोई पूछताछ नहीं की जा सकती.
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने न केवल सीबीआई को मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने से रोक दिया बल्कि अपनी पूर्व अनुमति के बिना उसे आरोपपत्र दाखिल करने से भी रोक दिया. जांच एजेंसी ने एक स्थानांतरण याचिका और एक विशेष अनुमति याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल कर सिंह के खिलाफ चल रहा मामला हिमाचल प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह और राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को रद्द करने की मांग की है.