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गौमांस प्रतिबंध कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 नवंबर को अंतिम सुनवाई करेगी अदालत
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र में गौमांस प्रतिबंध कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की. न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति वीएल अचिलिया की खंडपीठ के सामने आज सुनवाई के लिए याचिकाओं को रखा गया और कार्यवाहक महाधिवक्ता अनिल सिंह ने पीठ को बताया […]
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र में गौमांस प्रतिबंध कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की.
न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति वीएल अचिलिया की खंडपीठ के सामने आज सुनवाई के लिए याचिकाओं को रखा गया और कार्यवाहक महाधिवक्ता अनिल सिंह ने पीठ को बताया कि महाराष्ट्र कैबिनेट ने महाधिवक्ता के रुप में वरिष्ठ वकील श्रीहरि अनेय की नियुक्ति की सिफारिश की है और इसलिए वह इस मामले में अब और पेश नहीं होंगे.
अनेय ने अदालत से कहा कि उनकी नियुक्ति की अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘एकबार अधिसूचना आने के बाद मुझे इस मामले में दलीलों के लिए तैयार होने में कुछ समय लगेगा। लेकिन याचिकाकर्ताओं के वकील दलीलें शुरु कर सकते हैं.’ एक याचिकार्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनाय ने कहा कि याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है.
इसके बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की.फरवरी 2015 में राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून को मंजूरी दी थी। कानून ने वर्ष 1976 में ही गायों के वध पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन हाल के संशोधन के जरिये सांडों और बैलों के वध पर भी रोक लगा दी गई.
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