मिलकर लोस चुनाव लड़ेंगे शिवसेना और भाजपा
गोयल ने कहा, मैं किसी भी पद का उम्मीदवार नहीं हूं
नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी के लिए मची दौड़ से विजय गोयल को बाहर करते हुए भाजपा ने आज ऐलान किया डॉ. हर्षवर्धन इस पद के लिए उसके उम्मीदवार होंगे.
पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद दल के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस बात की सार्वजनिक घोषणा की. सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा, सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय किया है कि डॉ. हर्षवर्धन को पार्टी के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए.
इस उम्मीदवारी के लिए अपनी जोरदार दावेदारी ठोंक रहे विजय गोयल को अनंतत: पार्टी लाइन के आगे झुकना पड़ा. भाजपा अध्यक्ष ने उनकी उपस्थिति में कहा, मैंने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल से बात की है और उन्होंने कहा है कि हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होना चाहिए.
संसदीय बोर्ड की इस महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को छोड़ कर सभी सदस्य मौजूद थे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ व्यस्तताओं के कारण वह बैठक में नहीं आए. लेकिन हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर वह अपनी सहमति दे चुके थे.
सिंह द्वारा हर्षवर्धन के नाम की घोषणा किए जाते समय मंच पर लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, अनंत कुमार, नितिन गडकरी के अलावा पार्टी के दिल्ली नेताओं में गोयल, हर्षवर्धन और विजय कुमार मल्होत्रा आदि उपस्थित थे. इस घोषणा के बाद मंच पर गोयल और हर्षवर्धन ने एक-दूसरे को लड्डू खिलाए.
हर्षवर्धन के नाम की घोषणा के बाद गोयल ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, मैं इस फैसले से दुखी नहीं हूं. मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता हूं. मैं शुरु से कहता आया हूं कि संसदीय बोर्ड का जो भी फैसला हो, मुझे स्वीकार्य होगा. दिल्ली में पिछले 15 साल से सत्ता से बाहर बैठी भाजपा को उम्मीद है कि चार बार विधायक रहे और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे चुके हर्षवर्धन की साफ-सुथरी छवि से वह 4 दिसंबर को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे सकेगी.
राजनाथ सिंह द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के पार्टी के उम्मीदवार के नाम की घोषणा के बाद आडवाणी ने कहा, जो निर्णय आज हुआ और विजय गोयल ने जिसे सहर्ष स्वीकार किया उससे मुझे दिल्ली में पार्टी के पुराने दिनों की याद हो आई.उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए दिल्ली का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि तत्कालीन जनसंघ के रुप में उसने पहली लोकसभा सीट यहीं से जीती थी और देश में किसी निगम का भाजपा का पहला मेयर भी यहीं बना था.
आडवाणी ने कहा कि विजय गोयल, हर्षवर्धन और विजय कुमार मल्होत्रा तीनों ने जो इस निर्णय पर सहमति जताई है, उससे निश्चित तौर पर ना केवल दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को विजय मिलेगी बल्कि पूरे देश की राजनीति पर इसका असर पड़ेगा.
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच हर्षवर्धन के नाम पर पहले ही सहमति बन गई थी. इस बारे में गोयल को सूचित भी कर दिया गया था. शुरु में गोयल ने इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की धमकी दी थी. लेकिन बाद में पासा पूरी तरह पलटता देख वह इस निर्णय के आगे झुकने को मजबूर हुए.