नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साधु के सपने के आधार पर उन्नाव में सोने की खोज के लिए चल रही खुदाई पर केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 1,000 टन सोने से ज्यादा कीमती ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई के लिए बिहार के अनुरोध की अनदेखी की.
जब नीतीश से उत्तर प्रदेश के डौडियाकलां गांव में एएसआई के खुदाई कार्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह हास्यास्पद है.’’ संत शोभन सरकार के सपने के आधार पर यह खुदाई शुरु की गयी.सोने की तलाश में राजा राव राम बख्श सिंह के किले में खुदाई के केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इससे गलत संदेश जायेगा. क्या वे देश को दकियानूसी सोच के युग में ले जाना चाहते हैं.’’
नीतीश ने कहा कि एएसआई ने उन्नाव में तत्काल खुदाई शुरु कर दी लेकिन पुरातन स्थानों की खुदाई के लिए राज्य सरकार की ओर से बार बार भेजे गये प्रस्तावों पर उसने कोई रचि नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि मधुबनी के बलराजगढ़ में खुदाई के प्रस्ताव की अनदेखी बेवजह की गयी ,जिससे 2200 साल पुरानी सभ्यता के बारे में जानकारी मिलने में मदद मिल सकती थी.
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अनेक ऐतिहासिक स्थान हैं जहां खुदाई से हमारे इतिहास की सचाई सामने आ सकती है लेकिन एएसआई को इसकी चिंता नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘सभी सपने देखते हैं लेकिन क्या सरकार की लोगों के सपनों पर चलने की जिम्मेदारी है?’’ नीतीश ने बिहार में प्रतिद्वंद्वी राजद और भाजपा दोनों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘वे भी बिहार के लिए सपने देख रहे हैं लेकिन जब उन्हें इसके लिए वक्त मिला तो ज्यादा कुछ नहीं किया.’’