मॉस्को : भारत असैन्य परमाणु उर्जा सहयोग के मुद्दे पर रुस के साथ आगे बढ़ना चाहता है. भारत कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र के तीसरे और चौथे रिएक्टरों पर रुस के साथ वाणिज्यिक समझौते भी करना चाहता है.
असैन्य परमाणु उर्जा के क्षेत्र में भारत और रुस के तालमेल को बहुत पुराना करार देते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि कुडनकुलम संयंत्र का पहला रिएक्टर जल्द ही बिजली पैदा करने लगेगा और इसकी क्षमता 1000 मेगावाट तक हो जाएगी. दूसरा रिएक्टर भी अगले छह महीने में बिजली उत्पादन के लिए तैयार हो जाने की संभावना है.
‘वॉयस ऑफ रशिया’ से बातचीत में खुर्शीद ने कहा, ‘‘और इसके बाद तीसरा तथा चौथा रिएक्टर होगा जिस पर हम चर्चा कर रहे हैं और तीसरे तथा चौथे रिएक्टर के बाबत हम वाणिज्यिक समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं.’’