नयी दिल्ली : सीबीआई ने चेन्नई में पूर्व संचार मंत्री दयानिधि मारन के आवास तक कथित तौर पर 300 से अधिक हाईस्पीड टेलीफोन लाइनों के आवंटन के मामले में मारन और बीएसएनएल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन लाइनों का लाभ कथित रुप से मारन के भाई के चैनल को पहुंचाया गया था.
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि मारन और बीएसएनएल के अधिकारियों-तत्कालीन सीजीएम के. ब्रह्मनाथन और एमपी वेलुस्वामी के खिलाफ एक नियमित मामला चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री मिलने पर प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी. एजेंसी ने आरोपों के मामले में 2011 में जांच शुरु की थी और जांच जुलाई में पूरी की. इस संबंध में मारन की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.
सूत्रों ने कहा कि संचार मंत्री के तौर पर मारन के कार्यकाल में बीएसएनएल के महाप्रबंधक के नाम पर कथित तौर पर 323 आवासीय फोन लाइनें मारन के बोट हाउस स्थित घर को एक भूमिगत केबल के माध्यम से सन टीवी से जोड़ रहीं थीं. सूत्रों ने कहा कि ये लाइनें सामान्य टेलीफोन लाइन नहीं थीं बल्कि महंगी आईएसडीएन थीं जिनमें भारी डाटा ले जाने की और टीवी समाचारों और कार्यक्रमों को पूरी दुनिया में तेजी से प्रसारित करने की क्षमता होती है.
सीबीआई ने दूरसंचार सचिव को भेजी अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि इन लाइनों का इस्तेमाल वीडियो कांफ्रेंसिंग या भारी भरकम डिजिटल डाटा के प्रसारण जैसे बहुत ही विशेष कार्यों के लिए बड़े व्यावसायिक उपक्रम करते हैं जिसके लिए भारी भरकम शुल्क वसूला जाता है लेकिन सन टीवी को ये मुफ्त में मिल गयीं.