नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शहरी विकास की तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं की एक साथ शुरुआत की. उन्होंने 100 स्मार्ट नगरों के विकास, अटल शहरी पुनर्जीवन एवं परिवर्तन मिशन और सभी के लिए आवास योजनाओं का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने इस दौरान लोगों को संबोधित किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 40 प्रतिशत लोग शहर या शहर आधारित जीवन जीते हैं. उन्होंने कहा कि हम उनको उनके हाल पर नहीं छोड सकते हैं. उन्होंने नगरपालिकाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हम सब मिलकर आगे बढने के लिए यहां जुटे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि 25-26 जून को देश में कोई भूल नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि 40 साल पहले आपातकाल के कारण देश को जेलखाना बना दिया गया था. उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में प्रदर्शन करने वालों को जेल में बंद कर दिया गया था. अखबार में ताले लग गये थे, रेडियो वही बोलता था जो सरकार बोलती थी.
उन्होंने कहा कि हमने लोकनायक की स्मृति में एक राष्ट्रीय स्मारक बनाने का निर्णय किया है, जो लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा और विकास के तमाम रास्ते जन सामान्य के सहयोग से कैसे आगे बढे, उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में 500 शहर हैं, ज्यादातर गांव से रोजी-रोटी के लिए लोग पहुंच रहे हैं. तेजी से हमारा शहरीकरण हो रहा है. अच्छा होता कि 25 से 30 साल पहले हमने शहरीकरण को एक अवसर माना होता. अगर हमने उस दिशा में सार्थक प्रयास किया होता तो हम भी दुनिया के समृद्ध देशों शहरों की बराबरी कर सकते थे. उन्होंने कहा कि लेकिन हम देर आये, दुरुस्त आये.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुराने अनुभव बुरे हैं, लेकिन उसी के आधार पर निराश नहीं बैठ सकते हैं. उन्होंने कहा कि नागरिक को केंद्र में रख कर योजनाएं तैयार करें, तो हमारे रास्ते में रुकावट नहीं आ सकती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हैदराबाद बिना नये टैक्स के इतना विकास करसकता है, तो दूसरे शहर क्यों नहीं. उन्होंने कहा हम वही चीजों को करना चाहते हैं, जो यह देश कर सकता है. उन्होंने कहा कि उसे हम सब को मिलकर आगे बढाना है.
छत्तीसगढ माओवाद से जूझ रहा है, लेकिन उसने खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि इन अनुभवों के आधार पर हम कैसे आगे बढें, यह तय करना है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग करते हैं, हम सब मिलकर क्यों नहीं करें. उन्होंने कहा कि यूरोप के एक छोटे देश के बराबर हिंदुस्तान में हर वर्ष एक नया देश जन्म लेता है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कितनी बडी चुनौती है, उसके लिए आगे बढना होगा. बाधाएं होंगी, उसे मिल कर दूर करना होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पीपीपी मॉडल सिद्ध हो चुका है, उस पर कैसे बल दें. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आर्थिक संसाधनों को दुनिया में जहां से प्राप्त कर सकते हैं, कैसे प्राप्त करें. पीएम मोदी ने कहा कि गरीब से गरीब इंसान का अपना घर हो और एक बार घर हो जाये तो वह सपने संजोने लगता है.
पीएम मोदी ने कहा कि शहरों में दो करोड परिवारों के घर नहीं बने हैं. अगर घर नहीं बना तो जवाब हमसे मांगा जायेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का जब हम 75 साल मनायें तो हम यह संकल्प लें कि हमारे यहां कोई फुटपॉथ पर नहीं रहे.
एक ओर हम स्वच्छ भारत की बात कहते हैं, वहीं, मैं मानता हूं कि सरकार से लोग दो कदम दूर भाागते हैं, लेकिन मैं मीडिया का आभारी हूं. आज मैं उन सब को (मीडिया वालों को) सलाम करता हूं, जिन्होंने नागरिकों को ट्रेंड किया. उन्होंने कहा कि देश में बदलाव का माध्यम मीडिया बनेगा. हमारा विकास ऐसा होना चाहिए जो शहर और गांव के पूरक हो.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बडे शहर के 30 से 40 किमी दूर के गांव सब्जी की खेती करते हैं. अगर शहरों के कूडे से बने जैविक खाद से वे खेती करें तो हमें जैविक सब्जी मिलेगी. लागत कम होगी तो गरीब को रोजगार मिलेगा. जिसका लाभ देश कोहो.
शहर को स्मार्ट बनाने का निर्णय केंद्र सरकार नहीं करे, राज्य सरकार नहीं करे. बल्कि वह उस शहर के नागरिक व नगरपालिका के लोग तय करें. इसलिए चैलेंज के आधार पर हमने शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का कार्यक्रम तय किया है. जो शहर हमारे तय पैरामीटर को पूरा करेगा, वह इससे जुडेगा. पीएम ने कहा कि यह पैरामीटर हमने दुनिया के उदाहरणों पर तय किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में बिल्डर लॉबी की छवि काफी गिरी हुई है. गरीब आदमी अपने पूरे जीवन का पैसा उसमें लगाता है, पर फिर परेशान हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमने छोटे कंज्यूमर के हितों को प्रोटेक्ट करने के लिए कानून बनाया है. उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में हम संकल्प लेकर आगे बढेंगे. उन्होंने कहा कि यहांराजनीतिक दल के लोग हैं, राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोग हैं. उन्होंने कहा कि जिनको शासन का अवसर मिलता है, उनकी पहचान 50-100 साल बाद भी कौन सा अच्छा काम कर वे गये उससे होती है.
उन्होंने कहा कि मैं नगरपालिका प्रमुखोंसे कहना चाहता हूं कि आप जब 80 साल के हो जायें, तब जब आपका पोता अंगुली पकड कर आपको ले जाये, तो आप उसे वे तालाब या भवन दिखायें, जिसे आपने अपने कार्यकाल में बनवाया. आपको जनता-जनार्दन ने अवसर दिया है, उनके लिए काम करें.