सुषमा स्वराज और ललित मोदी मामला प्रकाश में आने के बाद से जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर विपक्ष के हमले तेज हो गये हैं वहीं फिर से ललित मोदी मीडिया की सुर्खियों में आ गये हैं. इस प्रकरण के बाद देश-दुनिया के मीडिया संस्थान अपने-अपने तरीके से ललित मोदी के अतीत और वर्तमान को खंगाल रहे हैं. आइए जानते हैं इस प्रकरण में देश-दुनिया की प्रमुख मीडिया संस्थानों की ललित मोदी को लेकर किस तरह का आकलन है –
हफिंगटन पोस्ट
प्रमुख समाचार पत्र हफिंगटन पोस्ट ने ललित मोदी-सुषमा मामले में कहा कि ललित मोदी को भारत यात्रा दस्तावेज 2016 तक जारी किया गया था. हफिंगटन पोस्ट के अनुसार ललित मोदी को विदेशी स्थलों में नाओमी कैम्पबेल और पेरिस हिल्टन जैसी हस्तियों के साथ जश्न मनाते देखा गया था. पोस्ट ने सुषमा स्वराज, ललित मोदी और भारतीय मूल के ब्रिटिश एम कीथ वाज के बीच ईमेल के आदान-प्रदान को भी पेश किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार वसुंधरा के पहले शासनकाल (2003-2008) के दौरान ललित मोदी राजस्थान में सत्ता के समानांतर केंद्र थे. तब राज्य के ब्यूरोक्रेट्स ललित मोदी की अकड़ से खुद को आहत महसूस करते थे, राजस्थान में सत्ता के गलियारों में ललित मोदी की पहुंच चौतरफा थी. एक सीनियर ब्यूरोक्रेट ने याद करते हुए बताया कि वह वसुंधरा के सामने सेंट्रल टेबल पर पैर रखकर बैठते थे.
द हिन्दू
द हिन्दू ने ललित मोदी-सुषमा प्रकरण पर प्रधानमंत्री की चुप्पी की खबर को प्रमुखता दी है. इसके अनुसार कांग्रेस ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ‘ललितगेट’ मामले पर उनकी चुप्पी को लेकर निशाना साधा और कहा कि उन्हें अपने ‘ध्यान’ से बाहर आना चाहिए और जवाब देना चाहिए कि क्या सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे ने उनकी सहमति से घोटाले के दागी आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद की थी. मुख्य विपक्षी दल ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की अपनी मांग को जोरदार तरीके से उठाया और दावा किया कि भाजपा के प्रमुख नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अविश्वास जताया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स
हिन्दुस्तान टाइम्स ने कांग्रेस के सुषमा पर हमले पर पलटवार को प्रमुखता दी है. उसने कहा है कि कांग्रेस चिदंबरम मामले में अपनी असफलता को छिपाने का प्रयास कर रही है. यूपीए का अपनी सरकार के दौरान ललित मोदी पर कार्रवाई करने का पूरा समय था लेकिन उसने उस पर कार्रवाई नहीं की और अब वह अपनी कमजोरियों को छुपा रहा है.