मुंबई : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आज महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राकांपा नेता छगन भुजबल के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाले के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की. तीन दिन पहले यहां कलीना में जमीन आवंटन के सिलसिले में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. भुजबल महाराष्ट्र की पिछली कांग्रेस-राकांपा सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे. प्राथमिकी में उनका, उनके बेटे पंकज, भतीजे समीर और 14 अन्य के नाम हैं.
मामला नयी दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के नये भवन के निर्माण के लिए ठेका देने से जुडा है. प्राथमिकी में अन्य आरोपियों में अरण देवधर, देवदत्त मराठे, बिपिन सांखे, कृष्णा चमनकर, प्रणीता चमनकर, तनवीर शेख, संजय जोशी, मानिक शाहा, दीपक देशपांडे, अनिल कुमार गायकवाड, प्रवीणा चमनकर, प्रसन्ना चमनकर, इराम तनवीर शेख और गीता जोशी हैं. आम आदमी पार्टी की नेता अंजलि दमानिया की शिकायत के बाद राज्य एसीबी ने भुजबल और उनके परिवार के खिलाफ जांच शुरू की थी.
दमानिया का आरोप था कि नये महाराष्ट्र सदन के निर्माण में बडे स्तर पर भ्रष्टाचार और गडबडियां हुईं. उनका आरोप था कि भुजबल के समय में लोक निर्माण विभाग ने नियमों का व्यापक तौर पर उल्लंघन करते हुए कंपनियों को ठेके दिये थे. ये सभी कंपनियां भुजबल परिवार के सदस्यों की बनाई थीं या उनके नियंत्रण में थीं.
बंबई उच्च न्यायालय ने इस साल अप्रैल में कहा था कि प्रथमदृष्टया साक्ष्य हैं और भ्रष्टाचार का मामला होने पर एसीबी प्राथमिकी दर्ज कर सकता है. दिल्ली में नये महाराष्ट्र सदन का निर्माण 100 करोड रुपये की लागत से कराया गया था. उस समय महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा सरकार थी.