नयी दिल्ली: नरेंद्र मोदी विरोधी बयान से विवादों में घिरे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित यू आर अनंतमूर्ति ने कहा कि मोदी को हिंदुत्व की समझ नहीं है वह इसकी विविधता नष्ट कर देंगे.जाति व्यवस्था की जड़ता और इसके अंतद्र्वंद्व पर आधारित बहुचर्चित कृति ‘संस्कार’ के रचनाकार अनंतमूर्ति ने कहा ‘‘हिंदुत्व का मूल है समावेशी अवधारणा, इसकी विविधता .. सैंकड़ों तरह की सोच ने इस जीवन-दर्शन का निर्माण किया है और मोदी को इसकी समझ नहीं है, वह इस खूबसूरती को नष्ट कर देंगे.’’ उल्लेखनीय है कि उन्होंने पिछले सप्ताह बेंगलूर के एक साहित्यिक समारोह में कहा था कि वह ऐसे भारत में नहीं रहना चाहेंगे जहां मोदी प्रधानमंत्री हों.
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष रहे अनंतमूर्ति ने इस विवाद के संबंध में कहा ‘‘मैंने नेहरु और इंदिरा गांधी का भी बेहद विरोध किया था लेकिन आज तक कांग्रेस के किसी नेता की प्रतिक्रिया वैसी नहीं रही जैसी फूहड़ प्रतिक्रिया भाजपा नेताओं और समर्थकों की रही. इससे संकेत मिलता है कि यह पार्टी बौद्धिक असहमति तक बर्दाश्त नहीं कर सकती.’’
अपने बयान पर कायम अनंतमूर्ति ने कहा ‘‘मोदी बौद्धिक रुप से खोखले व्यक्ति हैं इसलिए दिखावा पसंद हैं .. कोई आत्मिक जीवन नहीं है . वह आत्मविश्लेषण नहीं कर सकते .. नहीं तो वह गुजरात के 2002 के दंगे के करीब दशक भर बाद भी यह नहीं कहते कि कोई कुत्ते का बच्चा भी गाड़ी के नीचे आ जाता है तो अफसोस होता है.’’ उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि मोदी अभी वहीं के वहीं हैं. ऐसे जड़ व्यक्ति पर क्या इतना भरोसा किया जा सकता है? भाजपा द्वारा अपने उपर अवसरवादी होने का आरोप लगाने के संबंध में अनंतमूर्ति ने कहा ‘‘मैं हमेशा अपने आपको ‘क्रिटिकल इनसाइडर’ (तटस्थ-ईमानदार विश्लेषक या अंतरंग आलोचक) मानता रहा हूं. मैं बौद्धिक हूं ..साक्षी भाव रखना मेरा धर्म है . स्वयं अपने लिए, समाज, राजनीति, सबके लिए.’’