मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल): हालिया सांप्रदायिक हिंसा पर दुख जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि विभिन्न पंथों के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा और घृणा फैलाने के लिए कभी भी धर्म का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
राष्ट्रपति ने यहां विद्यासागर विश्वविद्यालय में सातवां विद्यासागर स्मारक व्याख्यान देते हुए हालिया सांप्रदायिक झड़पों में बच्चों एवं महिलाओं की हत्याएं और सामूहिक बलात्कार की घटनाओं को दुखद बताया और जोर देते हुए कहा, ‘‘ कोई भी समाज जो महिलाओं और बच्चों के साथ बुरा बर्ताव करता है, अपने को सभ्य नहीं मान सकता.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे समय जब देश में सांप्रदायिक झड़पों के दौरान महिलाओं और बच्चों सहित लोगों की हत्याएं हो रही हों, पंडित विद्यासागर का जीवन हमें सीख देता है कि कभी भी धर्म का इस्तेमाल विभिन्न पंथों के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा और घृणा फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. ’’ महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को लेकर सख्त संदेश देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी घटनाएं होने पर सरकार की तीखी आलोचना जैसे ‘‘आसान हल’’ से समस्या का समाधान नहीं होगा. उन्होंने नैतिक मूल्यों में दुखद गिरावट के लिए आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता पर बल दिया.