इंदौर : गणेशोत्सव की आज से धूमधाम के साथ शुरुआत होने के बाद जूनी इंदौर क्षेत्र के चिंतामन गणेश मंदिर में घंटे-घडि़याल कम और मोबाइल फोन की घंटियां ज्यादा बज रही हैं.
आस्था की अनोखी तरंगों से प्रेरित ये कॉल खुद चिंतामन गणेश के लिए आ रहे हैं, जिनके नवाचारी भक्तों ने भागादौड़के इस दौर में भगवान तक अपने दिल की बात पहुंचाने के लिए मोबाइल फोन का आसान जरिया खोज लिया है.
दस दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान चिंतामन गणेश का नंबर मिलना खासा मुश्किल है, क्योंकि दुनिया भर में फैले भक्त उन्हें फोन करके मुरादें मांग रहे हैं. भक्तों के भगवान को फोन करने की प्रथा पर तर्कवादी बेशक सवाल उठा सकते हैं. लेकिन भावभक्ति के इस अजब-गजब संवाद के तार आस्था की दिलचस्प कहानियों से जुड़े हैं.
मंदिर के पुजारी अशोक पाठक ने बताया, वैसे चिंतामन गणेश को उनके भक्त करीब चार दशक से चिट्ठियां लिख रहे हैं. मगर संचार के हाईटेक युग में वर्ष 2005 से भक्तों ने भगवान तक अपनी मुरादें पहुंचाने के लिए मोबाइल फोन का सहारा लेना शुरु कर दिया. उन्होंने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति मोबाइल फोन पर चिंतामणि गणेश से बात करने की इच्छा जताता है, वह फोन को सीधे भगवान की मूर्ति के पास ले जाते हैं और उन तक भक्त का संदेश पहुंचा देते हैं. पाठक बताते हैं कि कोई 1,200 साल पुराने परमारकालीन मंदिर में विराजे चिंतामण गणेश को फोन करने की अनूठी परंपरा तब शुरु हुई, जब इंदौर से ताल्लुक रखने वाला एक भक्त जर्मनी में बस गया.
यह भक्त हजारों मील के फासले से भगवान को नियमित तौर पर चिट्ठियां लिखा करता था. एक बार उसने मंदिर के पुजारी को फोन किया. उसने कहा कि अब वह फोन के जरिये गणेश तक अपना संदेश पहुंचाना चाहता है.
भक्त की भावनाओं का मान रखते हुए उसकी इच्छा पूरी की गयी. इसके बाद से आस्था का यह अजब..गजब सिलसिला चल पड़ा, जो आज तक जारी है. मंदिर के पुजारी ने बताया, आम तौर पर चिंतामण गणेश को हर महीने औसतन 150 भक्त फोन करते हैं. लेकिन गणेशोत्सव में आपको भगवान का मोबाइल नंबर लगातार व्यस्त मिलेगा. इस दौरान उन्हें दुनिया भर से करीब 200 भक्त हर रोज फोन करते हैं. पाठक के मुताबिक गणेश के भक्त उनसे किसी अंतरंग मित्र की तरह लम्बी बात करते हैं और भगवान के सामने अपना दिल खोलकर रख देते हैं.
उन्होंने बताया कि इस गणेशोत्सव में ऐसे भक्तों की तादाद ज्यादा है, जो भगवान से अच्छी शिक्षा और बढि़या पगार वाली नौकरी दिलाने की दुआ मांग रहे हैं. उन गणेश भक्तों की तादाद भी कम नहीं है, जो भगवान के सामने अपनी या अपने सगे-संबंधी की शादी कराने की गुहार लगा रहे हैं.