प्रधानमंत्री के विशेष विमान से : वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अपनी संभावना खारिज करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि राहुल गांधी इस पद के लिए आदर्श पसंद हैं और वह कांग्रेस पार्टी में उनके अंतर्गत काम करने को तैयार हैं.
अस्सी वर्षीय सिंह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या उनके लिए तीसरे कार्यकाल के लिए मैदान में उतरना संभव होगा क्योंकि कांग्रेस में कई लोग राहुल गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते हुए देखना चाहेंगे.
सिंह ने पूर्व सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के साथ भविष्य में गठबंधन बनने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि राजनीति में स्थायी दुश्मन या स्थायी दोस्त नहीं होते. उनसे पूछा गया था कि क्या कांग्रेस आगामी संसदीय चुनाव में तृणमूल के साथ गठजोड़ की कोशिश करेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राजनीति में, स्थायी दुश्मन या स्थायी दोस्त नहीं होते. और कभी कभी तो , राजनीति में महज एक सप्ताह भी कभी कभी लंबा वक्त बन जाता है. अत:उदाहरण के लिए मैं, गठबंधन की संभावना को नहीं नकारता. ’’ उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी भी एक समय कांग्रेस पार्टी की बेहद सम्मानित सदस्य थीं और कांग्रेस उन्हें संप्रग में रखकर हमेशा खुश रही.
सिंह ने कहा कि कांग्रेस देश की राजसत्ता में धर्मनिरपेक्षता पर बल देने के लिए फिर समान विचारधारा वाले , धर्मनिरपेक्ष व्यक्तियों के साथ काम करना पसंद करेगी.
नवाज शरीफ से मुलाकात पर अभी कोई फैसला नहीं
नवाज शरीफ के साथ मुलाकात को लेकर जारी रहस्य के बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि वह न्यूयार्क में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात पर ‘अंतिम फैसला’ लेने से पहले भारत के आतंकवाद से प्रभावित होने जैसी ‘कुछ कठोर सच्चाइयों’ के कारकों पर गौर करेंगे.
सिंह ने कहा कि वह ‘सामान्य स्थितियों’ में शरीफ से मुलाकात करके खुशी महसूस करेंगे क्योंकि वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं जिन्होंने भारत-पाक रिश्तों को आगे बढाने के बारे में सही बातें कही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन असल में कुछ कठोर सच्चाइयां हैं. अगर आतंकवादी घटनाएं नहीं रुकेंगी, अगर आतंकवादी विचार पेश करने वाले स्वतंत्र घूमते रहेंगे, अगर मुंबई नरसंहार के अपराधियों को सजा देने में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं होगी ,तो मुझे अंतिम फैसला लेने से पहले इन कारकों पर गौर करना पड़ेगा.’’