नयी दिल्ली: दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने विधि की अपनी डिग्री को लेकर उत्पन्न विवाद पर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा और कहा कि डिग्री फर्जी होने का आरोप ‘‘आधारहीन’’ है. वहीं कांग्रेस और भाजपा ने तोमर को बर्खास्त करने की अपनी मांग तेज कर दी.तोमर ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा कि आरोप का उद्देश्य उनकी और सत्ताधारी पार्टी आप की छवि को ‘‘धूमिल’’ करना है.
केजरीवाल ने गत मंगलवार को तब तोमर से इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था जब बिहार के तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि उनके अस्थायी प्रमाणपत्र ‘‘गढे हुए हैं और संस्थान के रिकार्ड में मौजूद नहीं हैं.’’ तोमर ने बाद में कहा कि यदि मुख्यमंत्री उन्हें त्यागपत्र देने का संकेत देते हैं तो वह तत्काल अपना इस्तीफा सौंप देंगे. कांग्रेस ने अपना हमला तेज करते हुए तोमर को तत्काल बर्खास्त करने की मांग को लेकर एक विरोध प्रदर्शन किया.
पुलिस ने बडी संख्या में प्रदर्शन करने वाले उन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछार की जो पुलिस बैरिकेट तोडकर दिल्ली सचिवालय की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे थे. दिल्ली सचिवालय में ही मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों के कार्यालय स्थित हैं.
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने कहा कि उनकी पार्टी तब तक नहीं मानेगी जब तक तोमर को दिल्ली कैबिनेट से हटा नहीं दिया जाता.
माकन ने कहा, ‘‘हम अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक कानून मंत्री को बर्खास्त नहीं कर दिया जाता. हम यह भी मांग करते हैं कि इस मुद्दे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद छोड दें. आप स्वच्छ राजनीति देने के वादे के साथ सत्ता में आयी थी लेकिन उसके नेता भ्रष्टों का संरक्षण कर रहे हैं.’’
दिल्ली से भाजपा के एक सांसद ने लोकसभा में मांग की कि केंद्र इस मामले में हस्तक्षेप करे और उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दे.सांसद रमेश बिधूडी ने शूल्य काल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सही समय है कि केंद्र हस्तक्षेप करे और तोमर को गिरफ्तार करे.
तोमर ने भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग को धमकी दी कि नाम बदनाम करने के लिए वह उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। गर्ग ने तोमर की डिग्रियों की प्रमाणिकता को अदालत में चुनौती दी है. तोमर ने केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘चूंकि यह स्पष्ट होने लगा था कि वह (नंद किशोर गर्ग) अपनी सीट (विधानसभा चुनाव में) गंवा देंगे, उन्होंने मेरा नाम बदनाम करने के लिए गंदी चालों का सहारा लेना शुरु कर दिया.
जब लगा कि कुछ भी काम नहीं कर रहा है, उन्होंने उच्च न्यायालय में एक चुनावी याचिका दायर करके मेरी स्नातक और विधि की डिग्रियों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाये.’’ तोमर ने दावा किया कि गर्ग की ओर से मुहैया कराये गए दस्तावेज ‘‘गलत’’ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘गर्ग दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में कुछ विश्वविद्यालय चलाते हैं और अन्य विश्वविद्यालयों से अपने सम्पर्क के चलते उन्होंने गलत विवरण का हवाला देते हुए कुछ दस्तावेज प्राप्त कर लिये. इन गलत दस्तावेजों को चुनावी याचिका में सबूत के रुप में उल्लेखित किया गया है.’’
तोमर ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता झूठ का सहारा लेकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. वे ‘‘इन आधारहीन आरोपों से हमारी पार्टी की छवि पर धब्बा लगाने का प्रयास कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी और मेरे नेता (केजरीवाल) को पता है कि मैं सही हूं इसलिए मैं आज मंत्री हूं. यदि मेरे नेता मुझसे त्यागपत्र देने के लिए कहते हैं, मैं एक मिनट में अपना जीवन का बलिदान करने को भी तैयार हूं, मेरे लिए त्यागपत्र बहुत छोटी चीज है.’’