नयी दिल्ली: गुजरात में तुलसी प्रजापति की हत्या के सिलसिले में एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सीबीआई को मामले में जारी जांच और न्यायिक प्रक्रिया में हेरफेर के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है.
आयोग ने इस मामले की जांच करने का फैसला किया है. इसने गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर तत्काल इस मामले का ब्यौरा मांगा है, जिसमें असफल रहने पर वह उन्हें तलब भी कर सकती है. आयोग ने सीबीआई निदेशक रणजीत सिन्हा को लिखी चिट्ठी के साथ इस स्टिंग ऑपरेशन की सीडी भी संलग्न करके भेजी है.
इस चिट्ठी में उसने कहा कि संलग्न सीडी से हुए खुलासे के मद्देनजर सीबीआई को इस मामले में तत्काल उच्चतम न्यायालय में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए.तुलसीराम प्रजापति ओबीसी वर्ग से था और इसी आधार पर इस मामले से जुड़े पैनल ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन को देखते हुए इसने मामले में ‘गंभीर संज्ञान’ लिया है.
आयोग के संयुक्त सचिव टी तीथन ने कल लिखी अपनी चिट्ठी में कहा, ‘‘यह मामला और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि सीबीआई इस विशेष मुठभेड़ में हत्या के मामले की जांच कर रहा और उच्चतम न्यायालय की इसकी निगरानी कर रही है.’’ उन्होंने लिखा कि इस मामले की संज्ञान लेने के लिए स्टिंग ऑपरेशन की सीडी की कॉपी भी चिट्ठी में संलग्न है, जिसमें न्यायिक प्रक्रिया के साथ हुई छेड़छाड़ का सुबूत है.