नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज विपक्ष ने पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वृद्धि को लेकर सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि इससे आम आदमी पर भारी बोझ पड़ेगा. इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार स्थगित की गई तथा सरकार के इस निर्णय के विरोध में तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया.
मुख्य विपक्षी दल भाजपा सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने आरोप लगाया कि संसद का सत्र जारी रहने के दौरान सरकार द्वारा इस फैसले की सूचना सदन को नहीं देना सदन की अवमानना है. उन्होंने रात आठ बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक पेट्रोल पंप बंद करने के पेट्रोलियम मंत्री के कथित प्रस्ताव को अव्यावहारिक करार देते हुए इसकी आलोचना की.
भाजपा के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर आम आदमी के खिलाफ युद्ध छेड़ने तथा लोगों की समस्याएं और बढ़ाने का आरोप लगाते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की.
चटर्जी ने कहा ‘‘पिछले तीन माह में छठी बार पेट्रोलियम पदार्थों’ के दाम बढ़ाए गए हैं. डीजल की कीमत हर माह 50 पैसे बढ़ रही है. रुपये का अवमूल्यन रोकने में नाकाम सरकार कीमतें बढा रही है. जनता की समस्याएं बढ़ाने के लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है.’’ चटर्जी ने कहा कि सरकार को पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला तत्काल वापस लेना चाहिए.
वेंकैया ने आरोप लगाया कि सरकार का निर्णय ‘‘जन विरोधी’’ है. संसद का सत्र चल रहा है और संसद को विश्वास में लिए बिना यह फैसला किया गया है. ओ ब्रायन ने कहा कि सरकार ने आम आदमी के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. उन्होंने रात को पेट्रोल पंप बंद रखने के पेट्रोलियम मंत्री के कथित प्रस्ताव को हास्यास्पद बताया.
शिवसेना के संजय राउत ने रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक पेट्रोल पंप बंद करने के पेट्रोलियम मंत्री के कथित प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि इससे उपभोक्ताओं को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और पेट्रोल की कालाबाजारी बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार को ईरान से कच्चा तेल मंगाने, वाहनों को सौर उर्जा से चलाने, सड़कों को बेहतर बनाने तथा सरकारी कायो’ में पेट्रोल डीजल की बचत करने जैसे उपायों पर विचार करना चाहिए.
पेट्रोल एवं डीजल मूल्यवृद्धि पर सदन में अपनी बातों को पूरी तरह से रखने का मौका नहीं दिए जाने के विरोध में ओ ब्रायन के नेतृत्व में तृणमूल सदस्य सदन से वाक आउट कर गए. माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि सदन में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा जारी है. इसी चर्चा के तहत पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में बढोतरी के मुद्दे को भी शामिल किया जाना चाहिए ताकि सदस्य इस बारे में अपनी राय रख सकें.
इस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि आज शाम कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक होने वाली है. इस मुद्दे पर उस बैठक में विचार किया जाना चाहिए. येचुरी ने कहा कि वह बीएसी की बात नहीं कर रहे हैं. महंगाई के मुद्दे पर चर्चा आज की कार्रवाई में सूचीबद्ध है. वह तो उसे बस पहले लिए जाने की बात कह रहे हैं.
लेकिन कुरियन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी और कहा कि सदन का कामकाज पूर्व निर्धारित क्रम से चलता है. आसन द्वारा अनुमति नहीं मिलने पर येचुरी एवं उनकी पार्टी के सदस्य तथा भाकपा सदस्य सदन से वाकआउट कर गए.
शून्यकाल के बाद जदयू के साबिर अली ने आसन की विशेष अनुमति से पेट्रोलियम पदार्थों’ से जुड़ा एक मुद्दा उठाते हुए कहा कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने विदेश में तेल उत्पादन सुविधाएं हासिल करने के लिहाज से अरबों रुपये का निवेश किया है लेकिन उनसे आज तक एक रुपये का लाभ नहीं हुआ.
अली ने कहा कि सरकार को तेल आयात का बढ़ा बोझ आम जनता पर डालने की बजाय पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत आने वाले विभिन्न विभागों के कुप्रबंधन को दूर कर धन का सही उपयोग करना चाहिए.
इससे पहले शून्यकाल में ही पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वृद्धि का मुद्दा पहले उठाने की मांग को लेकर सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक 15-15 मिनट के लिए दो बार स्थगित की गई थी.
तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वृद्धि का मुद्दा पहले उठाने की मांग की. भाजपा, वाम दलों और सपा सदस्यों ने भी ये मुद्दा उठाने की मांग की. सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि सदन में मुद्दे उठाने की एक प्रक्रिया है और उसका पालन होना चाहिए.
लेकिन तृणमूल सदस्य यह मुद्दा पहले उठाने की मांग पर अड़े रहे. हंगामे के कारण सभापति ने 11 बज कर करीब 8 मिनट पर बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. बैठक पुन: शुरु होने पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वृद्धि का मुद्दा पहले उठाने की मांग दोहराई. हंगामा थमते न देख उप सभापति कुरियन ने 11 बज कर 32 मिनट पर बैठक 15 मिनट के लिए फिर स्थगित कर दी.