नयी दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह ने बिजली के उत्पादन के लिए मेट्रो ट्रेनों से निकलने वाली पवन उर्जा को उपयोग में लाने के एक नये तरीके की खोज की है. कालिंदी कॉलेज द्वारा शुरु की गयी इस परियोजना को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का समर्थन मिला है.
डीएमआरसी छात्रों को परीक्षण के लिए एक भूमिगत मेट्रो स्टेशन पर एक टरबाइन स्थापित करने की अनुमति दे दी है. परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. पुनीत वर्मा ने कहा, ‘ एक दिन मेट्रो स्टेशन पर खडे रहने के दौरान छात्रों को ऐहसास हुआ कि सुरंग में तेजी से चलने वाली ट्रेनों से निकलने वाली पवन उर्जा बर्बाद हो जाती है और उन्होंने इसे उपयोग में लाने के लिए एक तरीका ढूंढने का निर्णय किया.’
टीम में शामिल भौतिकी और कंप्यूटर विज्ञान विभाग के दस छात्रों ने यह पता लगाने के लिए कि पवन उर्जा का उपयोग करने में यह तरीका सफल होता है कि नहीं, एक भूमिगत मेट्रो स्टेशन पर एक टरबाइन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा.
डीएमआरसी अधिकारियों को यह परियोजना बहुत ही दिलचस्प लगी और उन्होंने चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर एक टरबाइन स्थापित करने की अनुमति दे दी. वर्मा ने कहा,’ मेट्रो सेवा के संचालन और सुरक्षा को प्रभावित किये बिना सुरंग के मुहाने पर भूमिगत पटरियों के साथ टरबाइन स्थापित करने का फैसला किया गया.’