नयी दिल्ली : रेल पटरियों पर अनधिकृत प्रवेश से प्रतिदिन 39 लोगों की मौत हो जाती है तथा वर्ष 2009 से 2012 के बीच ऐसी दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 50 हजार से अधिक है. ये आंकड़े बिहार ट्रेन दुर्घटना के मद्देनजर महत्वपूर्ण हैं जिसमें 28 श्रद्धालुओं की एक ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी. ये आंकड़े जापान और पश्चिमी देशों की आधुनिक रेलवे की तुलना में भारतीय रेलवे को खराब स्थिति में दिखाते हैं.
जापान में गत 50 वर्षों के दौरान रेल पटरियों पर किसी की भी मौत नहीं हुई वहीं भारत की तुलना में अमेरिका और यूरोप में अनधिकृत प्रवेश से होने वाली मौतों की संख्या बहुत कम है. रेल मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार जनवरी 2009 से जून 2012 के बीच 50298 लोगों की मौत हुई जिसका मतलब है कि रेल पटरियों पर अनधिकृत प्रवेश से औसतन एक वर्ष में 14370 और प्रतिदिन 39 मौतें होती हैं. आंकड़े के अनुसार अनधिकृत प्रवेश से वर्ष 2009 में रेल पटरियों और क्रासिंग पर 14376 मौतें हुई जबकि वर्ष 2010 में यह संख्या 12894 थी. यह संख्या वर्ष 2011 में 14611 और जून 2012 तक 8412 दर्ज की गई.