जयपुरः 26/11 मुंबई हमले में सरकार की तरफ से आतंकी अफजल आमिर कसाब को फांसी की सजा दिलाने वाले उज्जव निकम ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने आतंकवाद विरोधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने कसाब के मटन बिरयानी मांगने का बयान उसके खिलाफ भावनात्मक लहर को रोकने के लिए गढ़ा था.
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कसाब के खिलाफ बन रहे भावनात्मक माहौल को रोकने के लिए निकम ने दिया था झूठा बयान
जयपुरः 26/11 मुंबई हमले में सरकार की तरफ से आतंकी अफजल आमिर कसाब को फांसी की सजा दिलाने वाले उज्जव निकम ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने आतंकवाद विरोधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने कसाब के मटन बिरयानी मांगने का बयान उसके खिलाफ भावनात्मक लहर को […]
निकम ने कहा, ना तो कसाब ने कभी बिरयानी मांगी और ना ही उसे जेल प्रशासन की तरफ से कभी बिरयानी परोसी गयी. निकम ने कहा, ऐसा इसलिए भी करना पड़ा क्योंकि मीडिया आतंकी के खिलाफ भावनात्मक माहौल बनाने लगा था.
एक दिन अदालत कक्ष में उसने सिर झुका लिया और अपने आंसू पोंछने लगा. थोड़ी देर बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडया ने खबर चलानी शुरू कर दी कि कसाब अपनी बहनों को याद करके रो रहा था. वह रक्षा बंधन का दिन था और मीडिया में इसे लेकर पैनल चर्चाएं शुरू हो गयी. कुछ चर्चाओं में उसके आतंकी होने पर भी सवाल खड़ा कर दिया गया.
कसाब के समर्थन में बन रहे आतंकी माहौल को खत्म करने के लिए मैंने मीडिया में उसके बिरयानी और मटन मांगने का बयान दिया. इस बयान ने काम किया और उसके खिलाफ बन रहा भावनात्मक माहौल खत्म हो गया. गौरतलब है कि पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को नवंबर 2012 में फांसी दे दी गयी थी.
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