नयी दिल्ली : चीन को अपनी ताकत दिखाते हुए भारतीय वायुसेना ने आज अपना सी-130जे सुपर हरक्यूलीज परिवहन विमान नियंत्रण रेखा के पास लद्दाख में दुनिया की सबसे उंची और हाल ही में चालू की गयी दौलत बेग ओल्डी :डीबीओ: हवाई पट्टी में उतारा. गौरतलब है कि बीते अप्रैल महीने में दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में ही चीनी सेना के साथ भारतीय सेना के टकराव की स्थिति पैदा हो गयी थी.
इस उपलब्धि से सशस्त्र बल बड़े विमानों को सैनिकों को लाने-ले जाने, रसद पहुंचाने और संचार नेटवर्क सुधारने में इस्तेमाल कर सकते हैं. यह कदम लद्दाख में तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने में भी काफी मददगार साबित हो सकता है. भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘आज 06:54 बजे दुनिया की सबसे उंची हवाई पट्टी डीबीओ पर एक सी-130जे सुपर हरक्यूलीज उतारा गया.कमांडिंग अधिकारी ग्रुप कैप्टन तेजबीर सिंह और ‘वील्ड वायपर्स’ के चालक दल के सदस्यों ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अक्साई चिन इलाके में 16614 फुट की उंचाई पर स्थित डीबीओ हवाई पट्टी को छुआ.’’
पाकिस्तान के साथ हुए 1965 के युद्ध में इस्तेमाल किए जाने के बाद भारतीय वायुसेना ने 2008 में चंडीगढ़ से लाकर एंटोनोव-32 नाम का विमान इस हवाई पट्टी पर उतारा था.वायुसेना ने बयान में बताया, ‘‘उत्तरी हिमालय स्थित यह सामरिक अड्डा उस वक्त फिर से अहम हो गया जब भारतीय वायुसेना और भारतीय थलसेना ने इसे चालू किया और 43 साल बाद 2008 में चंडीगढ़ से लाया गया एएन-32 विमान यहां उतारा गया.’’करीब 20 टन तक के भार वहन करने में सक्षम सी-130 जे विमान को तैनात करने का फैसला भारतीय वायुसेना की ओर से लिया गया. एएन-32 और हेलीकॉप्टरों की कम भार वहन करने की क्षमता के मद्देनजर सी-130 जे विमान को यहां उतारा गया.
भारत-चीन ने घुसपैठ के मुद्दों पर चर्चा की, संबंधों की समीक्षा की
भारत और चीन ने हाल में हुई घुसपैठ की घटनाओं और सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कैसे शांति बहाल रखा जाए इसके उपायों पर आज चर्चा की.विदेश मंत्रालय ने यहां बताया कि भारत-चीन सामरिक वार्ता के पांचवें दौर में दोनों पक्षों ने आपसी हित के महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. इसमें व्यापार घाटा कम करने के उपाय और सीमा पारीय नदियों का मुद्दा भी शामिल है.
मंत्रालय ने बताया कि बातचीत के दौरान भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश सचिव सुजाता सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश उप मंत्री लियू ङोनमिन ने किया. इस दौरान भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने के उपायों पर चर्चा की गई.
यह बातचीत लद्दाख सेक्टर में कई चीनी घुसपैठ की घटनाओं की पृष्ठभूमि में हुई. इसमें अप्रैल में 21 दिन तक रही आमने-सामने की स्थिति भी शामिल है. दोनों पक्षों ने चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग की यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास का जायजा लिया और इस साल के उत्तरार्ध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की संभावित यात्रा की जमीन भी तैयार की.