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फिर लटका खाद्य सुरक्षा बिल,लोस 22 तक के लिए स्थगित

नयी दिल्ली :खाद्य सुरक्षा बिल एक बार फिर लटक गया. मंगलवार को इस बिल पर लोकसभा में चर्चा होनी थी, लेकिन कोल ब्लॉक आवंटन से संबंधित फाइलों के गुम होने के मामले को लेकर लोकसभा की कार्यवाही 22 अगस्त तक के लिए स्थगित हो गयी, जिसके कारण यह बिल एक बार फिर लटक गया है. […]

नयी दिल्ली :खाद्य सुरक्षा बिल एक बार फिर लटक गया. मंगलवार को इस बिल पर लोकसभा में चर्चा होनी थी, लेकिन कोल ब्लॉक आवंटन से संबंधित फाइलों के गुम होने के मामले को लेकर लोकसभा की कार्यवाही 22 अगस्त तक के लिए स्थगित हो गयी, जिसके कारण यह बिल एक बार फिर लटक गया है.

खाद्य सुरक्षा विधेयक को कल राजीव गांधी के जन्मदिन के मौके पर लोकसभा में पारित कराने की कोशिश की अटकलों के बीच सरकार नेकलकहा कि वह इस विधेयक को लेकर ‘स्वीकार करने योग्य’ संशोधनों को मान लेगी.

विपक्ष की ओर से विधेयक में बडी संख्या में पेश संशोधनों के बीच संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार ऐसे सभी संशोधन मानने को तैयार हैं, जो स्वीकार करने योग्य हैं.कमलनाथ से जब संसद परिसर में संवाददाताओं ने लगभग 200 संशोधनों के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसी स्थिति बने कि यदि कोई स्वीकार करने योग्य संशोधन है तो सरकार उस संशोधन को पेश कर देगी और फिर वह सरकारी संशोधन के रुप में आएगा.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने के बारे में संबद्ध मंत्रियों की बुलायी गयी बैठक के बाद कमलनाथ ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार कल सुबह तय करेंगी कि तेलंगाना मुद्दे को लेकर तेदेपा सांसदों का चल रहा विरोध और नारेबाजी को लेकर क्या कुछ करना है.विपक्षी नेता जोर देकर कहते आये हैं कि शोरशराबे और हंगामे के बीच कोई विधेयक पारित नहीं होना चाहिए और वे खाद्य विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेना चाहते हैं.

प्रधानमंत्री द्वारा आहूत बैठक में खाद्य मंत्री के वी थामस, महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ, ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश, मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू और वित्त मंत्री पी चिंदबरम शामिल हुए.बैठक में राजनीतिक दलों की ओर से पेश किये गये विभिन्न संशोधनों पर चर्चा की गयी.कमलनाथ ने बताया कि हमने राजनीतिक दलों की ओर से पेश संशोधनों पर चर्चा की ताकि मालूम हो सके कि कौन से संशोधन स्वीकार किये जा सकते हैं, जिससे विधेयक को आसानी से पारित कराया जा सके. उन्होंने कहा कि इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं होनी चाहिए.

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