नयी दिल्ली: सरकार ने आज बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में फैले स्वाइन फ्लू से अब तक 841 लोगों की जान जा चुकी हैं और इससे प्रभावित व्यक्तियों का आंकडा 14, 500 को पार कर गया है. स्थिति पर चिंता जताने के साथ सरकार ने कहा कि इसे फैलने से रोकने के लिए कोई कोर कसर उठा नहीं रखी है.
स्वाइन फ्लू के प्रकोप और इस संबंघ में सरकार के कदमों के बारे में लोकसभा में आज दिए अपने बयान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने स्पष्ट किया कि कुछ मीडिया खबरों में एच.एन. एन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ओसेल्टामिविर दवा की कमी के बारे में गलत ढंग से उल्लेख किया गया है. ‘‘ मैं सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सिफारिश की गई दवा ओसेल्टामिविर का निर्माण भारत में किया जाता है. ’’ उन्होंने कहा कि 2009 में देश में फैले इस रोग के समय भी इसी दवा का उपयोग किया गया था.
मंत्री ने कहा कि उन्होंने दो बार निर्माताओं के साथ बैठक की. और इन स्वदेशी निर्माताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके पास मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता और सक्रिय फार्मास्यूटिकल अवयवों के पर्याप्त स्टाक मौजूद हैं. इनमें एक केंद्रीय सरकारी उपक्रम है.
उन्होंने कहा कि ओसेल्टामिविर दवा की ब्रिकी काउंटर पर नहीं की जा सकती है. इसे केवल योग्य चिकित्सक के नुस्खे के आधार पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए.नड्डा ने कहा कि एक जनवरी से 22 फरवरी के बीच राज्यों से स्वाइन फ्लू के 14,673 मामलों की सूचना प्राप्त हुई है जबकि इससे कारण 841 लोगों की मौत की बात सामने आई है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘ हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते है कि दवा के विवेकहीन इस्तेमाल की वजह से प्रतिरोधक उत्पन्न हो जाए और दवा इस वायरस का मुकाबला करने लायक नहीं रह जाए. फिर भी हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आम जनता को दवा प्राप्त करने में किसी असुविधा का सामना नहीं करना पडे.’’ मंत्री ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एच.एन. एन्फ्लूएंजा की स्थिति पर अत्यधिक गहन निगरानी करता रहा है. हम प्रभावित राज्यों के लगातार सम्पर्क में हैं और इस मौसमी एन्फ्लूएंजा के प्रभाव को रोकने के लिए राज्यों को दिशा निर्देश जारी किये गए हैं.
नड्डा ने कहा कि हम दवा के स्टाक की स्थिति के बारे में राज्य सरकारों के साथ नियमित आधार पर जायजा ले रहे हैं और यदि राज्य सरकारों को अतिरिक्त अपेक्षाओं की जरुरत होती है तब इसकी पूर्ति भी कर रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों का मार्गदर्शन करने और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए मंत्रालय का दल तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश भेजी गई है. राज्यों के सचिवों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग भी की जा रही है.