37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सं.रा. महासचिव ने राष्ट्रपति से मुलाकात की, प्रणब ने सुरक्षा परिषद में सुधार पर जोर दिया

नयी दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता पाने की भारत की आकांक्षाओं के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से कहा कि वह अपने नेतृत्व का इस्तेमाल इसी साल विश्व निकाय में सुधारों की प्रक्रिया तेज करने के लिए करें. राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के दौरान […]

नयी दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता पाने की भारत की आकांक्षाओं के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से कहा कि वह अपने नेतृत्व का इस्तेमाल इसी साल विश्व निकाय में सुधारों की प्रक्रिया तेज करने के लिए करें.
राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान ने भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति बताया. उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में सुधार तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नेतृत्व निभाने की इच्छा के प्रति भारत सहित बहुत से देशों की आकांक्षाओं से अवगत हैं.
मुखर्जी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार उसकी विश्वसनीयता और वैधता को बढाने के लिए जरुरी है ताकि यह आज की भौगोलिक-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व कर सके.
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक वक्तव्य में बताया कि राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से कहा, संयुक्त राष्ट्र में अपनी विश्वसनीयता और फैसलों की वैधता के लिए अविलंब सुधार की आवश्यकता है. राष्ट्रपति ने कहा, संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को कम से कम संयुक्त राष्ट्र के 70 वें वर्ष में आगे बढाया जाना चाहिए. भारत को उम्मीद है और यह संयुक्त राष्ट्र में अविलंब सुधार के लिए चर्चा को आगे बढाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नेतृत्व और मनाने के कौशल पर निर्भर है. गौरतलब है कि इस साल 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 70 साल हो जाएंगे.
भारत विस्तारित सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का आकांक्षी है. मुखर्जी ने कहा, संयुक्त राष्ट्र को सभी परिस्थितियों में कारगर भूमिका निभानी चाहिए. एक सुधारयुक्त तथा कारगर संयुक्त राष्ट्र विश्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों का अधिक निर्णायक ढंग से समाधान करने में सफल हो पाएगा. राष्ट्रपति ने इस बात को स्वीकार किया कि सुधारों के विषय में मत भिन्नता है. उन्होंने कहा कि यद्यपि संयुक्त राष्ट्र का इन मत भिन्नताओं को दूर करने तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बडे तबके के लिए स्वीकार्य समाधान ढूंढने के लिए गठन किया गया था।
बान ने शांतिरक्षा कार्रवाइयों में भारत के योगदान की सराहना की और कहा कि वह हमेशा भारत के साथ संबंधों को और मजबूत बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को प्रभावकारी, प्रतिनिधिक, लोकतांत्रिक और पारदर्शी होना चाहिए. हाल ही में पेशावर और पेरिस में हुई आतंकवादी घटनाओं का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मुखर होते हुए आतंकवाद की समस्या से निपटना होगा और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को इस संबंध में पहल करनी होगी.
उन्होंने कहा, आतंकवाद अब केवल चर्चा का मुद्दा नहीं रह गया है. आतंकवादी निर्दयता से विध्वंस करते हैं तथा वे सीमाओं अथवा मूल्यों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाते. राष्ट्रपति के विचारों से सहमति जताते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के मामले पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें