नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज एक किताब का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता की उस राय का विरोध करने का परोक्ष प्रयास किया कि 2002 के दंगों के विरोध में इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन किया गया था. इस किताब में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अब मानते हैं कि जेहादी आतंकवादी अब गरीब, मासूम और नाउम्मीद नहीं रहे गये है तथा उनकी राजनीतिक एवं धार्मिक शिकायतें हैं.
आडवाणी ने अपने ब्लाग के ताजा पोस्ट में मार्क बाउडेन की पुस्तक द फिनिश द किलिंग आफ ओसामा बिन लादेन का विस्तृत उद्धृरण दिया गया है. इस पुस्तक में दावा किया गया है कि इस शताब्दी के पहले दशक में जेहादी आतंकवादियों को लेकर ओबामा के रुख में भारी बदलाव आया है. यह दौरा 9:11 के हमले से लेकर ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के बीच का है.
पुस्तक के अनुसार आतंकवाद के मूल कारण के बारे में ओबामा के विचार अलग अलग रहे हैं. उन्होंने 9:11 के बाद एक अखबार को दिये गये साक्षात्कार में कहा था, यह गरीबी, अज्ञानता, अशक्तता और निराशा के माहौल में पनपता है. बहरहाल, दस साल बाद 2012 में जब ओसामा मारा गया तो जेहादी आतंकवाद के बारे में ओबामा के विचार बदल चुके थे.