नई दिल्ली : कावेरी सुपरवाइजरी कमेटी की बैठक के दौरान आज कावेरी नदी के पानी में तमिलनाडु के हिस्से को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कहासुनी हो गयी.
तमिलनाडु ने कर्नाटक और सुपरवाइजरी कमेटी से आश्वासन मांगा कि जुलाई महीने का उसका हिस्सा उसे दिया जाएगा. पर कर्नाटक ने यह कहते हुए किसी तरह का आश्वासन देने से इंकार कर दिया कि वह इस महीने के पहले 13 दिनों के भीतर पहले ही तमिलनाडु को 34 हजार मिलियन क्यूबिक (टीएमसी) फुट पानी दे चुका है. माना जा रहा है कि कर्नाटक ने यह कहा कि वह तमिलनाडु को उसके हिस्से का बाकी 10 टीएमसी पानी जल्द से जल्द देने की कोशिश करेगा.
केंद्रीय जल संसाधन सचिव आलोक रावत की अध्यक्षता वाली कमेटी ने भी यह कहते हुए किसी तरह का आश्वासन देने से इंकार कर दिया कि वह इस महीने के अंत में सिर्फ उच्चतम न्यायालय को यह बता सकती है कि कर्नाटक की ओर से कितना पानी छोड़ा गया.
बैठक के दौरान यह भी कहा गया कि जुलाई के पहले दो हफ्ते में तमिलनाडु को उसकी मांग का 60 फीसदी से ज्यादा पानी मिल चुका है. माना जा रहा है कि तमिलनाडु ने इस पर कहा कि मानसून की वजह से यह पानी आया और कर्नाटक को कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले के मुताबिक उसके हिस्से का पानी उसे देना चाहिए. कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण ने इस साल फरवरी में फैसला सुनाया था. जल संसाधन मंत्रालय बैठक का ब्योरा कल जारी करेगा.