नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई की उस याचिका को आज खारिज कर दिया जिसमें उसने पूर्व कॉरपोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया की टेप की हुई बातचीत की सीडी और स्पेक्ट्रम के आवंटन के संबंध में उसकी कथित बातचीत के लिखित अंश को रिकॉर्ड में लेने की मांग की थी.विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने याचिका यह कहते खारिज कर दी कि ऐसा लगता है एजेंसी इसे लेकर गंभीर नहीं है क्योंकि उसने आरोपी को कुछ दस्तावेज मुहैया नहीं कराए हैं.
अदालत ने कहा, ‘‘उक्त पत्र का संलग्नक आरोपी को सौंपने में अभियोजन पक्ष के विफल रहने के मद्देनजर, उसने आवेदन पर गंभीरता से जोर नहीं दिया है. ’’ अदालत ने कहा, ‘‘चूंकि आवेदन का बचाव पक्ष ने जोरदार विरोध किया है और साथ ही बचाव पक्ष को पूरा आवेदन नहीं सौंपा गया है और अभियोजन पक्ष खुद आवेदन के प्रति उतना गंभीर नहीं लग रहा है इसलिए वह खारिज किए जाने का हकदार है और इसलिए उसे खारिज किया जाता है.’’
अदालत ने कहा, ‘‘सीडी को रिकार्ड में दर्ज करने के आवेदन का बचाव पक्ष ने विभिन्न आधारों पर जोरदार विरोध किया है. इसमें एक आधार यह भी है कि बचाव पक्ष के लिए यह पूर्वाग्रहपूर्ण होगा क्योंकि उसे रिकार्ड में देर से रखने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि आरोपी ने अपने बचाव का खुलासा कर दिया है.’’ न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह भी कहा गया है कि इस सीडी को अधूरे आवेदन के जरिए रिकॉर्ड में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि उस पत्र का संलग्नक ‘ए’ उन्हें नहीं सौंपा गया है.’’ अदालत ने गौर किया कि सीबीआई ने 20 मई 2010 के पत्र का संलग्नक ‘ए’ आरोपी को नहीं सौंपा.
यह पत्र उसे आयकर विभाग से मिला था जिसमें टैप किए गए कॉल का विवरण एक यूएसबी हार्ड डिस्क में रखा गया था. संक्षिप्त दलील के दौरान विशेष लोक अभियोजक यू यू ललित ने आज अदालत से कहा कि वह दस्तावेज सौंपने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि इसमें अन्य विवरण भी हैं जो इस मामले के लिए प्रासंगिक नहीं हैं और ‘‘देश की सुरक्षा के हित में उनका खुलासा नहीं किया जा सकता है.’’अदालत ने याचिका खारिज कर दी और एजेंसी को मुकदमा की कार्यवाही आगे बढ़ाने का निर्देश दिया. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘याचिका खारिज की जाती है. आप (सीबीआई) कितने आवेदन देंगे. मामले को आगे बढ़ने दें.’’