-इशरत जहां मामला-
नयी दिल्ली : साल 2004 के इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई कल आरोप-पत्र दाखिल करेगी. आरोप-पत्र में सिर्फ उन पुलिसकर्मियों का नाम होने की संभावना है जो मुठभेड़ के वक्त मौका-ए-वारदात पर मौजूद थे. आरोप-पत्र दाखिल करते वक्त सीबीआई इस मामले में साजिश के कोण की तफ्तीश की खातिर अदालत से मोहलत मांग सकती है.
कल दाखिल किए जाने वाले आरोप-पत्र में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार को नामजद किए जाने की तो संभावना नहीं है पर जांच एजेंसी अपनी आखिरी रिपोर्ट में उनका नाम डाल सकती है. आखिरी रिपोर्ट में सीबीआई दावा कर सकती है कि इशरत एवं तीन अन्य लोगों को गुजरात की अपराध शाखा द्वारा मुठभेड़ में मार गिराने से पहले आईबी ने उनसे पूछताछ की थी.
अहमदाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप-पत्र दायर किया जाएगा. आरोप-पत्र दाखिल करते समय सीबीआई इस मामले में साजिश के कोण की जांच के लिए और वक्त मांग सकती है. अहमदाबाद के पास हुई मुठभेड़ में 19 साल की इशरत के अलावा जावेद शेख उर्फ प्राणोश पिल्लई, अमजद अली राणा और जीशान जौहर को भी मौत के घाट उतारा गया था. यह मुठभेड़ 15 जून 2004 को हुई थी.
इंटरपोल के एक सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बातचीत में सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा था, ‘‘हमने गुजरात उच्च न्यायालय से वादा किया था कि हम इस मामले में 4 जुलाई को आरोप-पत्र दायर करेंगे और हम अपनी समयसीमा का पालन करेंगे.’’