नयी दिल्ली: खुदरा व्यवसाय करने वाली अमेरिकी कंपनी वालमार्ट द्वारा भारत में प्रवेश के लिए लाबिंग किए जाने के मामले में नई जांच हो सकती है. कारण यह है कि कंपनी ने इस मामले में भारत सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय जांच समिति द्वारा उठाये गये मुद्दों पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है.
समिति की जांच किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी क्यों कि समिति विभिन्न मुद्दों पर कंपनी द्वारा दिए गये जवाबों से संतुष्ठ नहीं थी। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने समिति इस बात का भी कोई स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं दिया कि उसने भारत केंद्रित लाबिंग पर कितना खर्च किया.
सूत्रों ने कहा कि समिति के सुझावों को ध्यान में रखते हुए सरकार इस मामले में और जांच पर विचार कर रही है. समिति ने कहा था कि उसे जरुरी जांच या सम्मन अधिकार नहीं दिए गए.
वालमार्ट के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन के मामले में एक जांच अलग से चल रही है. यह जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. लाबिंग के संबंध में अमेरिका की यह कंपनी कह चुकी है कि उसने लाबिंग से जुड़ी अपनी गतिविधियों का खुलासा अमेरिकी नियमों के हिसाब से कर दिया था और उसने इस बारे में किसी भारतीय नियम का उल्लंघन नहीं किया.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुकुल मुद्दगल की एक सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रपट पिछले महीने कंपनी कार्यमंत्रलय को सौंप दी. सूत्रों ने कहा कि कंपनी कार्य मंत्रालय, औद्योगिक नीति एवं सवंर्धन विभाग तथा विदेश मंत्रालय कार्रवाई रपट तैयार कर रहा है. इस रपट को कैबिनेट में पेश किया जाएगा और इसे संसद के अगले सत्र में रखा जाएगा.