नयी दिल्ली: सीबीआई की स्वतंत्रता और कामकाज में स्वायत्तता के लिए उपाय बताने की खातिर गठित किए गए मंत्रियों के समूह द्वारा दिए गए सुझावों पर सरकार गुरुवार को चर्चा कर सकती है.
समझा जाता है कि मंत्रियों के समूह ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों का एक पैनल गठित करने की सिफारिश की है जो सीबीआई द्वारा की जा रही जांचों की निगरानी करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जांच स्वतंत्र, निष्पक्ष और बिना किसी दबाव के हो.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रावधान आपराधिक दंड संहिता के प्रावधानों जैसे हो सकते हैं और नहीं भी हो सकते क्योंकि जांच अधिकारी केवल अदालत को ही रिपोर्ट करता है और उसकी जांच में कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता. बहरहाल, सीबीआई के पूर्व निदेशक जोगिन्दर सिंह ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पैनल के गठन को एक स्वागतयोग्य कदम बताया और कहा कि इसे राज्य स्तर पर कार्यान्वित किया जाना चाहिए.
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार का उदाहरण दिया जो अल्पसंख्यक युवकों पर लगाए गए आतंकवाद के आरोपों को वापस लेना चाहती है लेकिन संबंधित अदालत ऐसा करने नहीं दे रही हैं. मंत्री समूह की एक और महत्वपूर्ण सिफारिश सीबीआई निदेशक के वित्तीय अधिकारों को बढ़ाने से संबंधित है.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई निदेशक को और वित्तीय अधिकार जरुरी हैं क्योंकि वर्तमान में वह धन की मंजूरी के लिए नौकरशाहों पर निर्भर होता है.