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उत्तरांचल ना जाने को लेकर अखिलेश घिरे तो दी सफाई

लखनऊ:उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही के बाद सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का उत्तरांचल ना जाना अब उन पर भारी पड़ने लगा है. विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री की चौतरफा घेराबंदी कर उनकी आलोचना की तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने उत्तरांचल ना जाने की सफाई दी. मुख्यमंत्री […]

लखनऊ:उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही के बाद सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का उत्तरांचल ना जाना अब उन पर भारी पड़ने लगा है. विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री की चौतरफा घेराबंदी कर उनकी आलोचना की तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने उत्तरांचल ना जाने की सफाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तरांचल में हुई तबाही के तत्काल बाद यदि वह वहां जाते तो जनता और प्रशासन दोनों को परेशानी होती. इ‍सलिए उन्होंने खुद तत्काल उत्तरांचल ना जाकर प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों के बचाव और राहत कार्यों के लिए 25 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता उत्तरांचल सरकार को मुहैया कराई और डाक्टरों के एक दल को वहां भेजा.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार ने उत्तरांचल सरकार की आर्थिक मदद करने के लिए ही बुधवार को उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड सरकार के बीच तेरह वर्षों से चल रहे पेंशन बंटवारे के विवाद को समाप्त करते हुए यूपी तथा उत्तराखंड सरकार के बीच पेंशन पर हुए व्यय के बंटवारे की 350.79 करोड़ रुपए की एकमुश्त धनराशि उत्तराखण्ड सरकार को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इससे पहले प्रदेश सरकार ने यह धनराशि किश्तों में देने का निर्णय किया था. मुख्यमंत्री के अनुसार यह राशि दो दिन में उत्तराखंड सरकार को उपलब्ध करा दी जाएगी. और प्रदेश सरकार के इस फैसले से उत्तराखण्ड सरकार को प्राकृतिक आपदा के फलस्वरूप चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में वित्तीय मदद मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के दौरान हैलीकाप्टर दुर्घटना में शहीद हुए एयरफोर्स कर्मी सुधाकर यादव और अखिलेश सिंह के परिजनों को बीस लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्णय से भी अवगत कराया. उन्होंने यह भी कहा कि सुधाकर और अखिलेश के बच्चों की पढ़ाई की राज्य में पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी और उत्तरांखड़ की सरकार को हर तरह की मदद प्रदेश सरकार से मिलेगी. मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड जाने और नरेन्द्र मोदी के गुजरात के लोगों को बचाने संबंधी बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था कह दिया. नरेन्द्र मोदी ने क्या कहा और कांग्रेस गुजरात के मुख्यमंत्री के बयान पर क्या कह रही है, मुझे इमें नहीं पड़ना.

मुख्यमंत्री की इस सफाई से सूबे के विपक्षी दल संतुष्ठ नहीं है. बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि उत्तराखंड के संकट के समय सूबे का मुख्यमंत्री का वहां ना जाना राजनीतिक चूक है. प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री और उनकी समाजवादी पार्टी ने यह चूक की है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी का कहना है कि उत्तराखंड में पीड़ितों की सर्वाधिक तादात उत्तर प्रदेश के लोगों की थी. मुख्यमंत्री को वहां जाना चाहिए था लेकिन सपा सरकार ने त्रासदी के दौरान अपेक्षित मुस्तैदी नहीं दिखायी और उत्तराखंड में यूपी के फंसे तीर्थ यात्रियों को वहां से निकाल कर यहां वापस लाने के प्रति सरकार निष्क्रिय रही. विपक्ष के ऐसे हमलों के बाद ही मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड ना जाने को लेकर सफाई दी और अपने सभी मंत्रियों, सांसदों तथा विधायकों को एक माह का वेतन उत्तराखंड के पीडि़तों की मदद के लिए देने का निर्देश जारी किया. उनके इस निर्देश पर देर शाम एक दर्जन से अधिक विधायकों ने एक माह का वेतन उत्तराखंड के पीडि़तों की मदद के लिए देने की घोषणा की.
!!राजेन्द्र कुमार!!

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