मुंबई : राकांपा प्रमुख शरद पवार के मध्यावधि चुनाव वाले बयान को शिवसेना ने आड़े हाथ लेते हुए जोरदार हमला किया है. शिवसेना ने कहा है कि शरद पवार अविश्वास की राजनीति के लिए पहचाने जाते हैं और वर्तमान अस्थिरता का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
राकांपा ने यद्यपि महाराष्ट्र विधानसभा में अल्पमत भाजपा सरकार को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी, लेकिन कल पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि राज्य सरकार की स्थिरता राकांपा की जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को भी कहा था.
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया, ‘‘शरद पवार इस अस्थिर सरकार का फायदा उठा रहे हैं, लेकिन यहां शिवसेना मजबूती से खडी होगी. पवार जो चाहें, करने दो. शिवसेना विपक्षी दल के रुप में ईमानदारी और पूरी सत्यनिष्ठा से अपनी भूमिका निभा रही है.’’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में मंगलवार को शुरु हुइ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की दो दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि हमें महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव का सामना करने के लिए तैयार रहना है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में स्थिर सरकार रखने की जिम्मेदारी राकांपा की नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के राज्य विधानसभा चुनावों में दो सीटों पर काबिज होने वाली मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआइएम) के उभार के पीछे भाजपा के कुछ तत्व हैं.
उल्लेखनीय है कि जिस दिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, पवार की पार्टी राकांपा ने भाजपा को बाहर से बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी. 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 121, शिवसेना के 63, कांग्रेस के 42 और राकांपा के 41 विधायक हैं. महाराष्ट्र की अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने राकांपा की ओर से बाहरी समर्थन की घोषणा के बाद पिछले हफ्ते विवादास्पद रुप से ध्वनि-मत से विश्वास प्रस्ताव हासिल किया था.