नयी दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में चारधाम यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुये मौसम और उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिये मजबूत सूचना तंत्र विकसित किया जाना चाहिए.
दो बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके खंडूड़ी ने बातचीत में कहा लगातार वर्षा और बादल फटने की घटनाओं से जान-माल के भारी नुकसान को देखते हुये भविष्य में यात्रियों और पर्यटकों को पहले से मौसम के संभावित उतार चढाव के बारे में जानकारी देना बेहतर होगा. उन्होंने कहा मौसम विभाग को आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों के जरिये ऊंचे पर्वतीय इलाकों में बनी झीलों पर नजर रखनी चाहिए.
बादल फटने से ऐसी ही झीलों का पानी सैलाब बनकर बहता है और जो कुछ भी उसके रास्ते में आता है सब नष्ट हो जाता है. केदारनाथ में भी ऐसा ही कुछ हुआ. सेना में इंजीनियर रह चुके खंडूड़ी का कहना है कि यात्रा मागोंर् को पहले से ही चुस्त दुरस्त करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर वाहनों की संख्या सीमित होनी चाहिए.
ऊंचे हिमालयी क्षेत्र स्थित धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और पर्यावरण के लिहाज से पर्यटकों की सीमित संख्या को वहां जाने की अनुमति देने के बारे में गहन विचार किया जाना चाहिए.