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उत्तराखंड में बचाव कार्य पुन: शुरू

देहरादून : उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में खराब मौसम के कारण थोड़े समय तक निलंबित रहने के बाद आज सुबह हवाई बचाव अभियान 22 हजार से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए फिर से बहाल हुआ. वहीं, आईटीबीपी के जवानों ने लोगों को वहां से निकालने का कार्य तेज करने के लिए […]

देहरादून : उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में खराब मौसम के कारण थोड़े समय तक निलंबित रहने के बाद आज सुबह हवाई बचाव अभियान 22 हजार से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए फिर से बहाल हुआ.

वहीं, आईटीबीपी के जवानों ने लोगों को वहां से निकालने का कार्य तेज करने के लिए पैदल रास्ते का निर्माण शुरु कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि कल से क्षेत्र में हल्की से मध्यम वर्षा की मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर वहां से लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया गया है. आईटीबीपी के डीआईजी अमित प्रसाद ने गौचर में संवाददाताओं से कहा कि बद्रीनाथ के निकट तकरीबन 50 किलोमीटर इलाके में पैदल पथ का निर्माण किया जा रहा है ताकि वहां से फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकाला जा सके.उन्होंने कहा, ऐसा मौसम पर हमारी निर्भरता को कम करने के लिए किया जा रहा है. वह हवाई बचाव अभियान को बाधित कर सकता है. इन सड़कों का निर्माण मंदिर के निकट माना चौकी के पास किया जा रहा है.तकरीबन 200 आईटीबीपी जवान इस कार्य में शामिल हैं. तकरीबन 70 हजार पर्यटकों को अब तक सबसे बुरी तरह प्रभावित रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों से निकाला जा चुका है. इन जिलों में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हैं.पहाड़ी राज्य में पिछले सप्ताह राज्य में आयी भीषणतम प्राकृतिक आपदाओं में से 40 से अधिक हेलिकॉप्टर और 10 हजार सैनिक और अर्द्धसैनिक बल के जवान बचाव अभियान में शामिल हैं.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देहरादून और जोशीमठ में मध्यम वर्षा के कारण आज सुबह बचाव अभियान शुरु होने में विलंब हुआ लेकिन फिर बहाल हो गया क्योंकि तकरीबन एक घंटे बाद मौसम साफ हो गया.इस बीच, कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने आज कहा कि केंद्र बारिश प्रभावित उत्तराखंड में व्यापक क्षति वाले इलाकों के पुनर्निर्माण के लिए दीर्घावधि की योजना पर काम कर रही है.कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय की प्रभारी सोनी ने यहां पहुंचने के बाद कहा, संकट की इस घड़ी में समूचा देश राज्य की जनता के साथ दृढ़ता से खड़ा है. उन्होंने बताया कि केदारनाथ मंदिर के निकट के क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और पुनरुद्धार के लिए एक दीर्घावधि की योजना पर काम चल रहा है.सोनी राज्य के पार्टी मामलों का प्रभार हासिल करने के बाद पहली बार यहां पहुंचीं. उनके साथ पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा और हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंचे हैं. आज सुबह बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में फंसे हुए लोगों को हेलीकॉप्टरों की मदद से निकालने का अभियान मौसम के खराब हालात के कारण रोक दिया गया था लेकिन जमीनी स्तर पर बचाव कार्य जारी था .

भारत तिब्बत सीमा पुलिस के प्रमुख अजय चड्ढा ने आज कहा, केदारनाथ के पास वाले क्षेत्रों में फंसे हुए अधिकतर लोगों को बचाकर सुरक्षित निकाल लिया गया है. जमीनी स्तर पर बचाव कार्य जारी हैं लेकिन खराब मौसम के कारण कुछ समय के लिए उड़ानों को रोक दिया गया है. चड्ढा ने कहा, निचले बादल समस्या पैदा कर रहे हैं.

लेकिन हम फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए उड़ानों के संचालन की कोशिश कर रहे हैं. जैसे ही मौसम की स्थिति स्थिर होगी, उड़ानें फिर से संचालित होंगी. उन्होंने कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने कल जंगल छत्ती इलाके से हेलीकॉप्टरों की मदद से 400 से ज्यादा लोगों को निकाला. इन लोगों को गोरेगांव ले जाया गया और फिर वहां से सुरक्षित ले जाया गया.

चड्ढा ने कहा, कल रात तक केदारनाथ के आसपास 60-70 लोग फंसे हुए थे. गोरेगांव में करीब 100 लोग अब भी फंसे हुए हैं. जंगल छत्ती और निकटवर्ती क्षेत्रों से 450 लोगों को अभी बचाया जाना है. आईटीबीपी प्रमुख ने कहा, भैरों छत्ती में फंसे हुए कुछ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं जहां एनडीआरएफ का दल हैलीपेड बना रहा है. जैसे ही यह तैयार होगा और बादल छटेंगे, हवाई मार्ग से बचाव कार्य शुरु कर दिया जाएगा.

आईटीबीपी ने बद्रीनाथ से हनुमान छत्ती तक सड़क मार्ग बनाया है जिसका इस्तेमाल लोगों को पैदल निकालने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा, टीम आज 2,500 लोगों को हनुमान छत्ती तक लाई. वहां से उन्हें गोविंद घाट तक 10 किलोमीटर चलना होगा. गोविंद घाट से उन्हें वाहनों से जोशीमठ भेजा जाएगा. पिथौरागढ़ में सड़क संपर्क दुरस्त कर दिया गया है.

चड्ढा ने कहा, हमें हवाई ईंधन (एटीएफ) की कमी के कारण भी हवाई मार्ग से अभियान चलाने में कुछ दिक्कतें आ रहीं हैं. तेल के टैंकर हमारे पास पहुंचाये जा रहे हैं. हम अपना तेल का स्टॉक वायु सेना के साथ साझा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बचाव कार्य के दौरान निर्बाध संचार व्यवस्था के लिहाज से गृह मंत्रालय ने 25 सेटेलाइट फोन बांटे हैं. 50 और फोन प्राप्त किये गये हैं और उन्हें बांटा जा रहा है.

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