नयी दिल्ली : भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आज सवाल किया कि कोलगेट मामले में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल से पूछताछ के बाद क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी सीबीआई को ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी, क्योंकि जिस समय की यह घटना है उस समय कोयला मंत्रलय वही देख रहे थे.
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने यहां कहा, ‘‘भाजपा प्रधानमंत्री से पूछना चाहती है कि क्या उनके मंत्रिपरिषद में कोयला राज्य मंत्री रहे दसारी से सीबीआई द्वारा पूछताछ करने के बाद भी वह अपने पद पर बने रहेंगे? ’’सीबीआई से उन्होंने प्रश्न किया कि प्रधानमंत्री के तहत तत्कालीन कोयला राज्य मंत्री से पूछताछ के बाद क्या वह मनमोहन सिंह ने पूछताछ करने उनके आवास 7 रेस कोर्स रोड जाएगी? शाहनवाज ने कहा कि यह सवाल अहम इसलिए है कि दसारी उस समय कोयला राज्य मंत्री थे जब इस मंत्रलय को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देख रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री का काम तो केवल फाइलें बढ़ाना होता है, नीतिगत निर्णय तो काबिना मंत्री के होते हैं जो उस समय स्वयं सिंह थे. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘स्वाभाविक रुप से दसारी प्रधानमंत्री के इशारे पर काम कर रहे थे.’’
संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से भाजपा ने जानना चाहा, ‘‘दसारी से सीबीआई पूछताछ के बाद क्या वह प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने को कहेंगी, या सीबीआई को पूछताछ के लिए 7 रेस कोर्स रोड जाने से रोका जाएगा. प्रधानमंत्री से भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार के लिए अभी तक सहयोगी दलों को दोषी बताते हुए ‘गठबंधन धर्म’ की दुहाई देने वाले सिंह अब क्या बहाना बनाएंगे, क्योंकि इस मामले में जिन जिंदल और दसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वे दोनों कांग्रेस के हैं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ‘कोयले की आग’ पहले ही एक मंत्री को झुलसा चुकी है और अब उसकी आंच दसारी तक पंहुच गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को बचाने के लिए ही तत्कालीन कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कोयला घोटाले से संबंधित उच्चतम न्यायालय को सौंपी जाने वाली सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट के सार में बदलाव किया. इसके चलते उन्हें मंत्री पद से हटने के लिए बाध्य होना पड़ा.
शाहनवाज के अनुसार प्रधानमंत्री को बचाने के लिए अब सीबीआई को पूर्व कोयला सचिव से पूछताछ की अनुमति नहीं दी जा रही है, क्योंकि सरकार को भय है कि इस सचिव से पूछताछ से हुए खुलासों के बाद सीबीआई को प्रधानमंत्री से भी जांच पड़ताल करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए ही पूर्व कोयला सचिव से पूछताछ के सीबीआई आग्रह को ठुकरा दिया गया है.