योग गुरु अयंगर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया
पुणे: दुनिया के सबसे बड़े योग गुरु का मंगलवार देर रात निधन हो गया. 96 साल के बीके एस अयंगर ने लगभग 3 बजे पुणे के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. बीके एस अयंगर (बेल्लूर कृष्णामाचार सुंदरराज अयंगर) की हालत खराब होने के बाद पुणे के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. सांस लेने में तकलीफ के चलते पिछले गुरुवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रविवार को उन्हें डायलिसिस पर रखा गया था. 96 वर्षीय अयंगर को दो दिन पहले हालत अधिक खराब होने पर उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था.
महान योग गुरु को श्वास लेने में गंभीर परेशानी के चलते 12 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका उपचार करने वाली डॉ दीपाली मांडे ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया, वह करीब तीन सप्ताह से बीमार चल रहे थे लेकिन इसके बावजूद वह अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते थे.
अयंगर को दिल की बीमारी भी थी. उनकी तबीयत लगातार खराब होती गयी और गुर्दे फेल होने के बाद उन्हें डायलिसिस पर रखा गया. डॉक्टर ने बताया, अंतिम समय में वह अचेत जैसी अवस्था में थे. उन्होंने कहा, उनकी कुछ खाने की भी इच्छा नहीं हो रही थी.
* कौन हैं अयंगर
बीके एस अयंगर को दुनिया का सबसे बड़ा योग गुरु माना जाता था. वह दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल थे. अयंगर का जन्म 14 दिसम्बर 1918 को बेल्लूर के एक गरीब परिवार में हुआ था. दुनिया के सबसे बड़े योग प्रशिक्षक अयंगर अपने माता-पिता के 11 वें संतान थे.
* बचपन में रहते थे बीमार
बताया जाता है कि बीके एस अयंगर बचपन में काफी बीमार रहा करते थे. उनको अकसर मलेरिया और टाइफाइड से परेशान रहते थे. उन्हें टीबी जैसी बीमारी भी थी. जब वह 9 साल के रहे होंगे और उनके पिता देहान्त हो गया. बीमरी ठीक नहीं होने पर उन्हें योग करने की सलाह दी गयी और तभी से वह योग करने लगे और अपनी बीमारी से निजात पाये.अयंगर जब 15 साल के थे तब वह मैसूर आये. वहां उन्होंने योग के जरिये अपने स्वास्थ्य में काफी सुधार कर लिया. वह नियमित रूप से योग करने लगे.
* अयंगर योग के जन्मदाता
बीके एस अयंगर को अयंगर योग का जन्मदाता माना जाता है. वह इस योग को देश-दुनिया में फैलाया. वह नित्य कुछ नया करने की सोच रखते थे. उन्होंने योग की ऐसी-ऐसी विद्धा को जन्म दिया जो देश-दुनिया में अनोखा माना जाता है.
* 90 साल में भी अयंगर तीन घंटा करते थे योग
बीकेएस अयंगर 90 साल की अवस्था में भी योग के लिए समय निकाला करते थे. वह नित्य योग किया करते थे. अयंगर प्रति दिन 3 घंटे आसन और प्रत्येक घंटा प्राणायाम किया करते थे.
* अयंगर ने योग और दर्शनशास्त्र से संबंधित कई किताब लिखे
दुनिया में योग को एक नयी पहचान दिलाने वाले योग गुरु बीकेएस अयंगर ने अपने जीवन में कई किताब भी लिखें हैं. जो अभी देश-दुनिया में काफी फेम्स है. अयंगर ने योग और दर्शनशास्त्र की जो किताबे लिखी हैं वह इस प्रकार से हैं. लाइट ऑन योगा,लाइट ऑन प्राणायाम और लाइट ऑन यागा सूत्र ऑफ पतंजली.
* 2014 में पद्म विभूषण से सम्मानित
योग गुरु बीकेएस अयंगर को कई सम्मान भी मिला. 1991 में उन्हें पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और पिछले ही साल 2014 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.