श्रीनगर: गाजा की स्थिति पर छिटपुट विरोध प्रदर्शनों के अलावा कश्मीर में आज पूरे पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ ईद-उल फितर का त्योहार मनाया गया.ईद की सामूहिक नमाज पढने के लिए सुंदर परिधानों में सजे पुरुष, महिलाएं और बच्चे घाटी में ईदगाह, मस्जिदों और दरगाहों पर कतारों में लगे देखे गए. ईद की यह सामूहिक नमाज रोजों के पवित्र माह रमजान का शुक्रिया अदा करने के लिए है. रमजान का माह कल चांद दिखने के साथ ही पूरा हो गया था.
पुलिस ने कहा कि सबसे ज्यादा लोग डल झील के किनारे हजरतबल मस्जिद में जुटे. यहां मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लगभग 60 हजार श्रद्धालुओं के साथ मिलकर ईद की नमाज अदा की.इसके अलावा पुराने शहर के ईदगाह में भी बडी संख्या में लोग जुटे. यहां लगभग 30 हजार लोगों ने नमाज अदा की.
पुलिस ने कहा कि अनंतनाग, बारामूला, शोपियां, कुलगाम, बडगाम और गांदेरबल जिला मुख्यालय के पर्यटक स्वागत केंद्र पर भी बडी संख्या में लोगों ने सामूहिक नमाज अदा की.पुलिस ने कहा कि ईद की नमाज के कुछ ही देर बाद घाटी के कुछ हिस्सों से हिंसक विरोध प्रदर्शनों की खबरें आई थीं, जिनमें एक फोटो पत्रकार घायल हो गया.ये विरोध प्रदर्शन गाजा के लोगों के साथ एकता प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किए गए थे, जहां पिछले माह से हो रहे इस्राइली हवाई और जमीनी हमलों में सैंकडों लोग मारे गए हैं.
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने ईद-उल-फितर के अवसर पर सुख और समृद्धि की कामना के साथ लोगों को बधाई दी.
अपने ईद के संदेश में राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि यह शुभ अवसर शांति, प्रगति, समृद्धि और खुशी का सूचक होगा और जम्मू कश्मीर की गौरवशाली बहुलवादी परंपराओं की पहचान एकता, भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द के बंधन को मजबूत करेगा.वोहरा ने राज्य के लागों की खुशहाली के लिए प्रार्थना की.
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में इस त्योहार के महत्व की याद लोगों को दिलायी. उन्होंने कहा, ‘‘यह दिन हमसे गरीब और जरुरतमंद लोगों को याद करने की और उनके साथ खुशी बांटने की मांग करता हैं.’’ उमर ने कहा, महीने के लंबे उपवास के अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाने के पीछे की भावना यह है कि, ‘‘हमें रमजान के महीने में उपवास रखने की शक्ति देने और अल्लाह के समक्ष पूर्ण रुप से आज्ञाकारिकता दिखाने वाले तत्व सच्चाई, ईमानदारी, आत्म नियंत्रण, धैर्य और मानव गरिमा के प्रति खुद को पुन: समर्पित करने के लिए हम सर्वशक्तिमान अल्लाह का धन्यवाद करें.’’