नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में पिछले महीने दो भाषणों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने के ‘पूर्ण चुनाव आयोग’ के निर्णय में दो में से एक चुनाव आयुक्त ने अपनी असहमति जतायी थी. उच्चपदस्थ सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
बीते तीन दिन में आयोग ने प्रधानमंत्री के खिलाफ आचार संहिता के आरोपों को लेकर कांग्रेस की शिकायतों पर अपना फैसला दिया. सूत्रों के अनुसार, एक चुनाव आयुक्त ने एक अप्रैल को वर्धा के भाषण को लेकर प्रधानमंत्री को क्लीन चिट के आयोग के फैसले पर असहमति जतायी. इस भाषण में मोदी ने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर अल्पसंख्यक बहुल वायानाड सीट से चुनाव लड़ने को लेकर निशाना साधा था और उन्होंने नौ अप्रैल को लातूर में पहली बार वोट करने जा रहे युवाओं से बालाकोट हवाई हमले तथा पुलवामा शहीदों के नाम पर वोट की अपील की थी.
फैसले करने वाले ‘पूर्ण आयोग’ में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, साथी चुनाव आयुक्त अशोक लवासा तथा सुशील चंद्र शामिल थे. सूत्रों ने कहा कि इसके बाद दोनों फैसले कानून के अनुसार 2:1 के बहुमत से किये गये. गौरतलब है कि सभी चुनाव आयुक्त का आयोग के फैसलों में बराबर की हिस्सेदारी होती है.