नयी दिल्ली : योग गुरु रामदेव देश के पहले सरकारी मान्यता प्राप्त वैदिक शिक्षा बोर्ड के प्रमुख हो सकते हैं. बोर्ड के गठन के बारे में रामदेव के पतंजलि ट्रस्ट से आये प्रस्ताव को एक चयन समिति ने सर्वश्रेष्ठ माना है.
समिति द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को की जाने वाली सिफारिश पर महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान (एमएसआरवीपी) की शासी परिषद में विचार होगा. एमएसआरवीपी वेद शिक्षा के प्रसार के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय है.
एक सूत्र के मुताबिक, चयन समिति को तीन प्रस्ताव मिले हैं. पतंजलि, एमिटी ग्रुप और पुणे स्थित महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से प्रस्ताव आये हैं. पतंजलि समूह ने बोर्ड के विकास के लिए 21 करोड़ रुपये की धनराशि भी प्रदान करने का वादा किया है.
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद शर्मा की अध्यक्षता में चयन समिति अपनी सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजेगी जिस पर अगले सप्ताह फैसला हो सकता है.