मुंबईः महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने एक बार फिर अपना पुराना हथियार मैदान में उतरने के लिए निकाला है. महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में मुसलमानों के लिए 5 फीसदी और मराठियों के लिए आरक्षित पदों की संख्या 16 फीसदी कर दी है. सरकार ने यह कदम राज्य में मराठा और मुसलमान वोट बैंक पर सेंधमारी करने के उद्धेश्य से उठाया है.
महाराष्ट्र में मराठियों को आरक्षण दिये जाने पर बहुत दिनों से चर्चा हो रही थी कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने जब मराठियों को आरक्षण देने की बात की तो मुसलमान समाज की तरफ से भी आरक्षण की मांग उठने लगी थीं. महाराष्ट्र सरकार ने दोनों समुदायों के आरक्षण की मांग मान ली. महाराषट्र में अब 48 फीसदी आरक्षण हो गया है. सरकार के इस कदम से विधानसभा चुनाव में उसे कितना लाभ मिल पाता है यह तो चुनाव के बाद ही तय होगा लेकिन सरकार उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.