रायपुर : छत्तीसगढ़ में सत्ता विरोधी लहर के बाद 15 साल बाद कांग्रेस का वनवास खत्म हो गया है आैर इसी के साथ अब यहां मुख्यमंत्री पद के लिए नेताआें के नामों पर कयास लगाये जाने लगे हैं. मंगलवार को मतगणना में आये रुझान में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटें कांग्रेस के पक्ष में जाती दिखायी दे रही है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा को 17 सीटों पर संतोष करने की नौबत आ गयी है. इसी के साथ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी अपना दम दिखाते हुए करीब पांच सीटों पर कब्जा करते हुए दिखायी दे रहे हैं. वहीं, बसपा के खाते में तीन सीटें जाती हुर्इ नजर आ रही है. वामदल के खाते में एक सीट आने की उम्मीद है.
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह उर्फ चावल वाले बाबा को पटखनी देते हुए कांग्रेस ने जीत दर्ज करा तो लिया है, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री पद के लिए नेताआें के नाम पर सहमति बनाना है. चुनाव की मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने के पहले ही मीडिया में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों के नेताआें के नाम पर कयास लगाये जाने लगे हैं. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता आैर टीएस बाबा के नाम से मशहूर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में पहले नंबर पर माने जा रहे हैं.
मीडिया की खबरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर उम्मीदवार के रूप में ख्याति हासिल करने वाले टीएस सिंहदेव सरगुजा के राज परिवार से संबंध रखते हैं और अंबिकापुर सीट से चुनाव मैदान में हैं. 2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में टीएस सिंहदेव 13 हजार वोट से बीजेपी के अनुराग सिंहदेव से जीतने में सफल रहे थे, जबकि 2008 में उनकी जीत का यह आंकड़ा महज एक हजार था.
टीएस बाबा के अलावा मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में दूसरे नंबर पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता चरणदास महंत सक्ती विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. चरणदास कांग्रेस को भी यहां मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. महंत के खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार मेघाराम साहू मैदान में हैं. 2008 में यह सीट कांग्रेस के पास थी, तो 2013 में फिर से भाजपा ने इस पर कब्जा कर लिया था.
इन दोनों के अलावा मीडिया में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल तीसरे जिन नेता के नाम पर कयास लगाया जा रहा है, उनमें भूपेश बघेल भी शामिल हैं. बघेल की छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सूबे में कद्दावर नेता के रूप में पहचान है. हालांकि, बघेल का विवादों से भी गहरा नाता रहा है. पिछले साल सेक्स सीडी कांड के बाद बघेल अचानक विवादों में आये थे और जेल भी जाना पड़ा था. फिलहाल, कांग्रेस की वापसी में बघेल का भी बड़ा योगदान है और ऐसे में मुख्यमंत्री की दौड़ में वह भी आगे दिख रहे हैं. बघेल पाटन सीट से मौजूदा विधायक हैं. वह यहां से चुनावी मैदान में इस बार भी आगे चल रहे हैं. उनके खिलाफ भाजपा से मोतीलाल साहू हैं.
मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों को लेकर मीडिया में जिस चौथे नाम पर कयास लगाये जा रहे हैं, उनमें एक नाम ताम्रध्वज साहू का भी शामिल है. मीडिया की खबरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के इकलौते सांसद और पार्टी के ओबीसी चेहरा हैं. कांग्रेस में आपसी गुटबाजी और खींचातानी के बाद ऐन वक्त पर कांग्रेस आलाकमान को चुनावी मैदान में उतारना पड़ा था. हालांकि, साहू को उतारने के पीछे सीएम के लिए एक मजबूत दावेदार को उतारना भी माना गया था. ऐसे में साहू भी इस रेस में बने हुए हैं. फिलहाल, दुर्ग ग्रामीण सीट से ताम्रध्वज साहू आगे चल रहे हैं.